नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी को तारों से मुक्ति दिलाने की तैयारी चल रही है। बिजली की तारों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। तारों को अंडरग्राउंड करने के लिए 930 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। कोतवाली से जयस्तंभ चौक और फाफाडीह तक बिजली की तारों को अंडरग्राउंड करने का काम चल रहा है। यह काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहा है।
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राजधानी को तारों से मिलेगी मुक्ति
राजधानी रायपुर को अब बिजली की तारों से मुक्ति दिलाने का काम शुरू हो चुका है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राज्य पावर कंपनी की मदद से सभी बिजली की तारों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। इस समय कोतवाली जय स्तंभ चौक और फाफाडीह तक बिजली की तारों को अंडरग्राउंड करने का काम चल रहा है इसके साथ ही बूढ़ा तालाब के चारों तरफ की सड़कों को भी बिजली की तारों से निजात दिलाया जाएगा अलग-अलग योजनाएं बनाकर बिजली की तारों को हटाने का काम चल रहा है। इस काम के लिए कुल 930 करोड का बजट निर्धारित किया गया है।
टेंडर में गड़बड़ी के चलते वापस लिया गया काम
जानकारी के अनुसार बिजली की तारों को हटाने के लिए अलग-अलग योजनाएं काम कर रही हैं इसमें 2 योजनाओं पर खुद स्मार्ट सिटी काम कर रही है। जबकि स्मार्ट सिटी ने पावर कंपनी को आधा दर्जन से ज्यादा रास्तों के तारों को अंडरग्राउंड करने का काम दिया था। लेकिन इसके टेंडर में गड़बड़ी के कारण पावर कंपनी से स्मार्ट सिटी ने पैसे वापस ले लिए हैं। अब स्मार्ट सिटी खुद ही इन जगहों पर काम करेगी।
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9 सौ करोड़ से ज्यादा होंगे खर्च
जानकारी के मुताबिक बिजली की तारों को अंडरग्राउंड करने के लिए 930 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस कड़ी में पहला काम जय स्तंभ चौक से फाफाडीह चौक तक 8 करोड़ तीन लाख की लागत से होगा।साथ ही कोतवाली से जयस्तंभ चौक की 5 करोड़ की योजना पर काम शुरू हो गया। इसी प्रकार फुंडहर से तेलीबांधा जयस्तंभ होते हुए टाटीबंध तक के बिजली के तारों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। इस योजना का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था। राज्य सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है इस योजना में 60% की मदद केंद्र सरकार करेगी। तो 10% की मदद राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। बाकी के 30% का खर्च स्टेट पावर कंपनी को करना होगा।