नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में 13 सौ से ज्यादा किसान न्याय योजना की पहली किस्त से वंचित है। इस योजना के तहत किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से भुगतान किया जाना है। धीमी गति से सत्यापन होने के चलते किसानों को बार– बार सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटना पड़ रहा है।
हजारों किसानों को नई मिली पहली किस्त
जानकारी अनुसार किसानों को समर्थन मूल्य के बाद शेष राशि को प्रदेश सरकार न्याय योजना के अंतर्गत 4 किस्तों में देती है।इसकी पहली किस्त 21 मई को ट्रांसफर की गई थी लेकिन कई किसानों के पास यह राशि नहीं पहुंची। समर्थन मूल्य पर सरकार को बेचने के बाद जिले के 13 सौ से ज्यादा किसान ऐसे हैं।जो नया योजना की पहली किस्त का इंतजार कर रहे हैं। अलग-अलग कारणों के चलते किसानों का पैसा अब तक नहीं पहुंच पाया है। जिसकी जानकारी लेने पर पता चलता है कि विभाग के पास भी इसका कोई संतुष्ट जवाब नहीं है। बार-बार सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटना पड़ रहा है।
डायवर्शन कराने की वजह से भी रुकी राशि
जानकारी के मुताबिक 1300 में से 257 किसान ऐसे हैं जिनकी पहली किस्त उनके खेत के किसी हिस्से का डायवर्शन कराने के कारण रुक गई है। किसानों ने जिस भूमि का डायवर्शन कराया है। उसी का भुगतान होना बाकी है शेष रखवा के लिए पहली किस्त जारी कर दी गई थी।
चार किस्तों में मिलने हैं 9 हजार
प्रदेश में सरकार बनने आने के बाद मौजूदा शासन ने अंतर की राशि किसानों तक पहुंचाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ 9000 की राशि 4 किस्तों में दी जानी है। पहली किस्त में प्रत्येक किसान को 2250 रुपए मिलते हैं। जिसके हिसाब से जिले भर में 13 सौ किसानों को करीब 29 लाख का भुगतान करना बचा हुआ है। इन किसानों को पहले किस 20 अगस्त को मिलने वाली दूसरी के साथ दी जा सकती है।