छग में धान बेचने किसानों का पंजीयन अभी तक नहीं हुआ शुरू, 1 जुलाई से होना था रजिस्ट्रेशन, प्रति एकड़ 20 क्विंटल की होनी है खरीदी

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Shivam Dubey
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छग में धान बेचने किसानों का पंजीयन अभी तक नहीं हुआ शुरू, 1 जुलाई से होना था रजिस्ट्रेशन,  प्रति एकड़ 20 क्विंटल की होनी है खरीदी

नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में धान बेचने के लिए किसानों का पंजीयन अब तक शुरू नहीं हो पाया है। यह पंजीयन 1 जुलाई से शुरू होना था। लेकिन निर्देश जारी करने की एक महीने बाद भी रजिस्ट्रेशन शुरू नहीं हुआ है।इस साल किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी की जानी है। किसान एकीकृत पोर्टल में धान बेचने वाले किसानों का पंजीयन होना है। 



अब तक नहीं शुरू हुआ धान खरीदी का पंजीयन 



किसान एकीकृत पोर्टल में पंजीयन के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए लेकिन मेरे देश के 1 महीने के बाद भी धान बेचने वाले किसानों का रजिस्ट्रेशन शुरू नहीं हुआ है। किसान एकीकृत पोर्टल में 1 जुलाई से किसानों का पंजीयन शुरू होना था। आगामी खरीद विपणन वर्ष 2023 24 मई समर्थन मूल्य पर धान बेचने और योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों का पंजीयन होना जरूरी है। किसानों के पंजीयन के लिए एकीकृत किसान पोर्टल में 1 जुलाई से 31 अक्टूबर तक पंजीयन किया जाना है लेकिन सहकारी समितियों में पंजीयन के कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ है। कृषि विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार राजीव गांधी किसान या योजना के तहत मैं किसानों का संबंधित सहकारी समिति के माध्यम से पंजीयन कराया जाना है।जिसमें कृषि, उद्यानिकी फसल, धान के बदले अन्य फसल और वृक्षारोपण करने वाले नए किसान शामिल हैं। 




पिछले साल 24 लाख से ज्यादा किसानों का हुआ पंजीयन



पिछले साल राज्य में धान बेचने के लिए 24 लाख 98 हजार किसानों ने अपना पंजीयन कराया था जिनके धान के पंजीयन का रकबा 32 लाख  19 हजार हेक्टेयर था।राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों और फैसलों के चलते पिछले साल लगभग 2 लाख 50 हजार किसानों का पंजीयन हुआ था। किसानों से रिकॉर्ड 107. 53 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। 



राज्य सरकार खरीदेगी 20 क्विंटल धान 



छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी का फैसला लिया है। पिछले साल के आंकड़ों के प्रदेश में लगभग 28 लाख हेक्टेयर पर किसानों का पंजीयन हुआ था। इसके  अनुसार अगर इस बार 20 क्विंटल धान खरीदी होती है। तो करीब 140 लाख से अधिक धान खरीदी जाएगी। इसमें कस्टम फिलिंग करने करीब 90 लाख  टन चावल स्टॉक रहेगा। इसमें से केंद्र को करीब 64 लाख टन दिया जाएगा। वहीं राज्य के पास 24 से 25 लाख तक चावल बचेगा।  जिसे आसानी से उचित मूल्य की दुकान में उपयोग किया जा सकेगा। प्रदेश में हर साल 33 लाख  क्विंटल चावल उचित मूल्य की दुकान में उपयोग हो जाता है।


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