नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में साढ़े सात सालों से एससी वर्ग के लोग ओबीसी वर्ग में शामिल हैं। च्वाइस सेंटरों और लोकसेवा केंद्रों में सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने से साढ़े सात सालों से एससी ने शामिल जातियां ओबीसी बनी रहीं। दरअसल भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ के आठ जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया था। लेकिन साढ़े सात साल बाद भी वे जातियां ओबीसी में शामिल हैं। सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होने से इन जातियों को प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं हो रहा है। शासन ने सॉफ्टवेयर अपडेट करने के निर्देश जारी किए हैं।
भारत सरकार ने साढ़े सात साल पहले जारी की थी अधिसूचना
भारत सरकार, विधि और न्याय मंत्रालय ने 6 मई 2016 को राजपत्र (असाधारण) में एक अधिसूचना का प्रकाशित करवाई थी। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य की अधिसूचित अनुसचित जाति की सूची में शामिल घासी, घसिया, सईस, सहीस, सारथी, सूत सारथी, थनवार को शामिल किया गया था। छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस मसले को लेकर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव, चिप्स के सीईओ सभी कलेक्टरों और सभी अनुविभागीय अधिकारियों को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि शासन के ध्यान में ये बात लाई गई है कि जाति प्रमाणपत्र लोक सेवा केंद्रों, च्वाइस सेंटरों के माध्यम से ऑनलाइन जारी किए जा रहे हैं, लेकिन घासी, घसिया, सईस, बर सहीस, सारथी, सूत सारथी, थनवार जाति के लोगों का छत्तीसगढ़ राज्य के अधिसूचित अनसुचित जाति की सूची को ऑनलाइन आज तक अपडेट नहीं किया गया है। इसकी वजह से इन जातियों के लोगों के जाति प्रमाणपत्र जारी करने में असमर्थता व्यक्त की जा रही है।
ओबीसी से किए जाएंगे विलोपित
इस मामले को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्देश दिया है कि घासी, घसिया, सईस, सहीस, सारथी, सूत सारथी, थनवार जातियों को छत्तीसगढ़ शासन की वेबसाईट ई-डिस्ट्रिक्ट डॉट सीजीस्टेट डॉट जीओवी डॉट इन में प्रविष्ट कर ऑनलाइन अपडेट करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य की अन्य पिछड़ा वर्ग सूची में अंकित सूत, सारथी-सईस, सहीस जातियों ऑनलाइन ऑफलाइन विलोपित किए जाने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। साथ ही अधीनस्थ जाति प्रमाणपत्र जारी करने वाले सक्षम अधिकारियों को निर्देशित करने के लिए कहा गया है।