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नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी में मौजूद सबसे बड़े गोलबाजार के व्यापारियों को दुकान का मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है। व्यापारियों को नए रेट में ही रजिस्ट्री करवाने को कहा जा रहा है। दुकानों का पुराना रेट 49 हजार रुपए वर्गमीटर है। लेकिन नयी दर 83 हजार 500 रुपए वर्गमीटर कर दी गई है। इससे राजधानी के व्यापारियों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। गोल बाजार में अभी तक एक ही दुकान की रजिस्ट्री हो पाई है। व्यापारी संघ के अध्यक्ष का कहना है कि हमारी मुलाकात मुख्यमंत्री से कारवां दें तो हमारा काम हो सकता है।
यह मामला है
जानकारी के मुताबिक राजधानी रायपुर में गोलबाजार स्थित हैं। जहां सैकडो दुकाने मौजूद हैं। लेकिन यहां एक व्यापारी को छोड़कर किसी भी व्यापारी के पास दुकान का मालिकाना हक नहीं मिल पाया है। व्यापारियों का आरोप है कि निगम मूल्य निर्धारण प्रक्रिया में भ्रमित कर व्यापारियों की रजिस्ट्री रोक रहा है। साथ ही नगर निगम द्वारा रजिस्टर बनाया गया है। जिसमें दुकान का रेट पुराना लिखा है लेकिन बग़ल में एक कॉलम बनाया गया है। नए कॉलम में गाइडलाइन का नया रेट लिखकर व्यापारियों से हस्ताक्षर कराया जा रहा है। मुख्य मार्ग से 20 मीटर अंदर मौजूद दुकानों का भी रेट इतना ही तय किया गया है। जबकि सड़क से अंदर स्थित दुकानों का रेट कम होता है।
यह रेट निगम ने तय किया है
जानकारी के अनुसार निगम ने गोलबाजार में मौजूद दुकानों के व्यापारियों को मालिकाना हक देने को तैयार है। लेकिन निगम ने रजिस्ट्री का रेट इतना ज्यादा तय कर दिया है कि व्यापारियों को आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। निगम की रजिस्ट्री का पुराना रेट 49 हजार से 53 हजार 2 सौ रुपए तय किया था। अब यह बढ़ाकर 83 हजार 500 रुपए वर्गमीटर कर दिया गया है। सड़क से अंदर स्थित दुकाने जहां जाने के लिए मशक्क़त करनी पड़ती है वहां का भी मौजूदा रेट यही तय किया गया है।
व्यापारी ने कहा ज्यादा रेट से होगी आर्थिक परेशानी
गोलबाजार व्यापारी संघ के अध्यक्ष धनराज जैन ने द सूत्र से बताया कि निगम ने दुकानों का ज्यादा रेट तय कर दिया है। मालवीय रोड से अंदर स्थित दुकान का व्यापारी मालवीय रोड का रेट क्यों देगा? जबकि गोलबाजार की गली में तीन से चार फिट चौड़ी सड़क ही है। संगठन के व्यापारी 49 हजार वर्गमीटर के रेट पर मंजूर हैं। अभी तक गोलबाजार में एक व्यापारी की दुकान की रजिस्ट्री हुई है और कुछ लोगों की प्रक्रिया चल रही है।अगर निगम ये नहीं कर सकता तो हमारी मुलाकात मुख्यमंत्री से करवा दें हम बात कर लेंगे। जिस तरह ढुमरतराई में सौ रुपए के स्टाम्प पर रजिस्ट्री हुई है। यहां भी उसी तरह से किया जाना चाहिए। यही रेट रहा तो व्यापारियों को आर्थिक परेशानी से जूझना पड़ेगा।