नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अनुपूरक बजट को राज्यपाल की अनुमति मिल गई है। यह प्रदेश का सबसे बड़ा 6 हजार 31 करोड़ 75 लाख रुपयों से ज्यादा का बजट है। राशि खर्च करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।
राज्यपाल से मिली अनुमति
जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने हाल ही में मानसून सत्र में 6 हजार 31 करोड़ 75 लाख रुपए से ज्यादा का अनुपूरक बजट पारित किया गया था। साथ ही विनियोग विधेयक भी पारित हुआ था। जिसके बाद अनुपूरक बजट को राज्यपाल की अनुमति के लिए भेजा गया था। राज्यपाल ने अनुपूरक को अनुमति दे दी है।अब सरकार के वित्त विभाग ने सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को राशि खर्च कैसे करनी है इसके लिए निर्देश दिया है। साथ ही वित्त विभाग ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि आकस्मिकता निधि से स्वीकृत अग्रिम की प्रतिपूर्ति की मदो में सबसे पहले आकस्मिकता निधि से स्वीकृत अग्रिम की प्रतिपूर्ति के लिए एक औपचारिक आदेश निकाले। उक्त अग्रिम की सीमा तक प्रावधान इस राशि का पुण्य नहीं किया जाना है। इसका विशेष ध्यान रखें।
छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट
जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा ज्वाली जुलाई में पारित कराया गया अनुपूरक बजट सबसे बड़ा अनुपूरक है इसके पहले अब तक 2 से 4000 करोड़ तक की अनुपूरक पारित किए गए हैं।इस सबसे बड़े अनुपूरक में खर्च भी बड़े–बड़े हैं। सरकारी कर्मियों के लिए 1764 करोड़ की घोषणा की गई है। इसमें संविदा कर्मियों का वेतन 27% तक बढ़ाया गया है, महंगाई भत्ता 9%, 500 रुपए प्रति महीना, दैनिक वेतन भोगियों को 4 हजार रुपए प्रति महीना निधि, पटवारियों को 500 रूपए मासिक भत्ता, अतिथि शिक्षक को 2 हजार रुपए प्रति माह, पंचायत सचिवों को ढाई से 3 हजार रुपए प्रति माह शासकीय कर्मचारियों को एचआरए सातवें वेतनमान के अनुसार दिया जाएगा।
अधिकारियों को दिए गए निर्देश
वित्त विभाग ने सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय सहायता या अन्य एजेंसी से राशि प्राप्त होने के आधार पर अनुपूरक अनुमानों में जो मद शामिल किए गए हैं। उनमें सहायता की राशि प्राप्त होने पर ही खर्च करें। ऐसे मद जिनमें अतिरिक्त अनुदान विभागीय बचतों से समर्पित किया जाना है। वहां समर्पण की स्वीकृत राशि तत्काल जारी करें समर्पण आदेश जारी किए जाने के बाद ही खर्च करना शुरू करें। विभागीय बचत से व्यय की पूर्ति के मदों में आवंटित राशि में से सक्षम अधिकारी की स्वीकृति से पुनविर्नियोजन करें। उसके बाद आदेश की प्रति प्रशासकीय विभाग के माध्यम से महालेखाकार कार्यालय भेजें। साथ ही वित्त विभाग को इससे अवगत कराएं।