RAIPUR. अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्यर्मी हड़ताल पर हैं। इसके चलते पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमा गई है। इसका सबसे ज्यादा असर सरकारी अस्पतालों में पड़ा है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के सबसे बड़े अंबेडकर अस्पताल और डीकेएस सरकारी सुपर स्पेशलिटी सेंटर रुटीन में होने वाले सभी ऑपरेशन टाल दिए गए हैं। नर्सिंग छात्राओं के भरोसे केवल इमरजेंसी वाली सर्जरी की जाएगी। बता दें कि हड़ताल के पहले दिन डॉक्टर और जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी में मरीजों की जांच जरूर की लेकिन न तो खून की जांच हुई न एक्स-रे। यहां तक कि दवा भी मरीजों को नसीब नहीं हुई। दवा का काउंटर भी बंद था। जांच से लेकर दवा लेने तक मरीज भटकते रहे।
हड़ताल पर स्वास्थ्यकर्मी
दरअसल, शुक्रवार-शनिवार (1 जुलाई) को पैथालॉजी और एक्स-रे जांच करवाने वाले भी मंगलवार (4 जुलाई) को अपनी रिपोर्ट के लिए भटकते रहे। इमरजेंसी वाले मरीजों की जांच रिपोर्ट किसी तरह छांटकर जूनियर डाक्टरों ने दी लेकिन रुटीन के मरीजों का इलाज अटक गया। जांच रिपोर्ट नहीं मिली। इस वजह से वे डॉक्टर को अपनी रिपोर्ट नहीं दिखा सके। एमआरआई और सिटी स्कैन की रिपोर्ट लेने जाने वालों को तो सुरक्षा कर्मी गेट पर ही रोक रहे थे। इसे लेकर कुछ मरीजों ने विरोध भी किया।
डीकेएस में दैनिक वेतन भोगी भी हड़ताल पर, मिलेगा नोटिस
डीकेएस अस्पताल के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भी नियमित कर्मियों की हड़ताल का समर्थन करने के साथ अपनी मांगों को लेकर ड्यूटी पर नहीं पहुंचे। नियमानुसार अस्पताल के दैनिक वेतन भोगी कर्मी अचानक हड़ताल पर नहीं जा सकते। उनकी हड़ताल की जानकारी मिलने से आला अफसर बेहद नाराज हैं। इसकी जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों ने अस्पताल प्रशासन से पूरी जानकारी ली। अस्पताल अधीक्षक डॉ. शिप्रा शर्मा के अनुसार सभी को नोटिस जारी कर तुरंत ड्यूटी पर लौटने को कहा जाएगा
ये हैं मांगें
- गृह जिले में तबादले के फायदे