छत्तीसगढ़ में किसानों के अनुपस्थित होने पर भी बिक सकेगी धान, वारिसों को 31 अक्टूबर तक सोसायटी में होगा पंजीयन 

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Shivam Dubey
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छत्तीसगढ़ में किसानों के अनुपस्थित होने पर भी बिक सकेगी धान, वारिसों को 31 अक्टूबर तक सोसायटी में होगा पंजीयन 




नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में अब किसानों के वारिस भी उनके अनुपस्थित होने पर धान बेंच सकेंगे। इसके लिए किसानों के वारिसों को सोसायटी में जाकर पंजीयन करवाना होगा। 31 अक्टूबर तक किसानों को उनके वारिस का पंजीयन  कराना होगा। प्रदेश में अभी तक 23 लाख किसान रजिस्टर्ड हैं।  धान में बेचने के लिए वारिसों को उत्तराधिकारी होने का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। 



वारिस भी बेंच सकेंगे धान 



छत्तीसगढ़ में  23 लाख से ज्यादा किसान रजिस्टर्ड है अब उनके वारिसों को भी धान बेचने का अधिकार मिल सकेगा। किसानों के अनुपस्थित होने पर उनके बारिश धान की बिक्री कर सकेंगे। 31 अक्टूबर तक सोसाइटी में किसान इसका पंजीयन करा सकेंगे। वारिसों को धान भेजने के लिए उत्तराधिकारी होने का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। जिसके पास प्रमाणपत्र होगा वही व्यक्ति धान की बिक्री कर सकेगा। प्रदेश में कई ऐसे किसान हैं जो धान बेचने के लिए सोसाइटी तक नहीं पहुंच पाते। जिसके कारण बायोमेट्रिक में स्कैनिंग की समस्या होती है। उत्तराधिकारियों का पंजीयन के बाद किसानों को इस समस्या से निजात मिल जाएगा और धान की बिक्री आसानी से हो सकेगी। 



मृत किसानों के लिए शुरू की गई थी सुविधा 




पहले मृत किसानों के उत्तराधिकारी सोसाइटी में पंजीयन की सुविधा दी गई थी। छत्तीसगढ़ शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग रायपुर ने मृत किसानों का तहसीलदार द्वारा घोषित उत्तराधिकारी के पंजीयन के लिए तहसील मॉड्यूल आप्शन सुविधा दी थी। इसके तहत मृत किसान के परिवार से कोई एक सदस्य उत्तराधिकारी के रूप में सोसाइटी में पंजीयन कराकर धान बेच सकता था। लेकिन इस सत्र से जीवित किसान भी अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर सकते हैं।


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