नितिन मिश्रा, Raipur. छत्तीसगढ़ में शासकीय शराब दुकानों में अवैध शराब बिक्री की शिकायत पर 4 नहीं बल्कि 31 अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया था। सोमवार को सभी अधिकारियों ने इसका जवाब दिया है। वही डिस्टलरों को जारी किए गए नोटिस के बाद जवाब की जानकारी स्पष्ट नहीं है। इसके बाद अब उच्च स्तरीय निर्णय का इंतजार है। विभाग का यह मत है कि अवैध शराब बिक्री से आबकारी राजस्व में बड़ी क्षति हुई है।
अधिकारियों ने दे दिया जवाब
छत्तीसगढ़ में ईडी की करवाई में 2168 करोड़ रुपए के शराब घोटाला उजागर हुआ जिसके बाद आबकारी विभाग ने रविवार 9 जुलाई को एक प्रेस नोट जारी कर तीन डिस्टलरों और चार आबकारी अफसरों को नोटिस जारी करने की जानकारी सार्वजनिक की गई। लेकिन लेकिन यह नोटिस केवल चार अफसरों को नहीं बल्कि विभाग के 31 अफसरों को दिया गया था सभी अधिकारियों ने अपना जवाब दे दिया है।
उच्च स्तरीय निर्णय का इंतजार
अवैध शराब बिक्री मामले में केवल अधिकारियों को नहीं बल्कि तीन डिस्टलरों को भी नोटिस जारी किया गया था। लेकिन डिस्टलरों ने जवाब दिया है या नहीं इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं है। अब अफसरों का जवाब आने के बाद मामले में उच्च स्तरीय निर्णय होगा। निर्णय के बाद निलंबन की कार्रवाई भी हो सकती है। जिससे आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर बेहद गहरा असर पड़ सकता है फिलहाल विभाग भी उच्च स्तरीय निर्णय का इंतजार कर रहा है।
राजस्व में हुआ बड़ा नुकसान
इस मामले में आबकारी विभाग का मत है की अवैध शराब बिक्री से आबकारी राजस्व को बड़ी क्षति पहुंची है।
शराब घोटाले मामले में डिस्टलरी ओने शुल्क और अन्य कारों का भुगतान नहीं किया और नकली दस्तावेजों के जरिए अवैध तरीके से मुनाफा कमाया है। डिस्टलरीयों द्वारा अवैध तरीके से आबकारी अधिकारी और कर्मचारियों पर दबाव डालकर सहयोग लेने की शिकायत मिली। इससे आबकारी राजस्व को बड़ा नुकसान हुआ है।