नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला मामले में आरोपियों की जमानत निरस्त करने की अर्जी लगाई गई है। यह अर्जी विशेष लोक अभियोजक संदीप दुबे ने लगाई है। दरअसल शनिवार को एक दर्जन आरोपियों को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन इनमें से केवल दो आरोपी ही न्यायालय ने उपस्थित हुए। जिसके बाद आरोपियों की जमानत खारिज करने की अर्जी लगाई गई है। बता दें कि 17 साल पहले हुए बैंक घोटाले की जांच दोबारा शुरू की गई है।
जमानत खारिज करने की अर्जी
छत्तीसगढ़ में इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले के आरोपियों द्वारा पेशी में उपस्थित नहीं होने पर जमानत खारिज करने के लिए आवेदन किया है। दरअसल शनिवार को इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले से जुड़े एक दर्जन आरोपियों को न्यायाधीश ने कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले से जुड़े बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा, संजय किरण शर्मा (तिवारी), दुर्गा देवी, संगीता शर्मा, सविता शुक्ला, सरोजनी शर्मा, सुलोचना आडिल तथा नीरज जैन को कोर्ट में पेश होने समंस जारी किया था। कोर्ट के आदेश के बाद केवल दो आरोपी उमेश सिन्हा तथा सुलोचना आडिल कोर्ट में उपस्थित हुए। 17 साल पहले हुए इस घोटाले की दोबारा जांच शुरू होने के बाद आरोपियों द्वारा किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं किया जा रहा। जिसके बाद विशेष लोक अभियोजक संदीप दुबे ने कोर्ट में आरोपियों की जमानत निरस्त करने आवेदन पेश किया है। विशेष लोक अभियोजक ने भूपेश कुमार बसंत की जेएमएफसी कोर्ट में यह आवेदन प्रस्तुत किया है।
बीमारी का बहाना बनाकर नहीं आते आरोपी
विशेष लोक अभियोजक ने कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत करते हुए अभियुक्तों की जमानत निरस्त करने के साथ ही बीमारी की बात कहकर कोर्ट में पेश नहीं होने वाले आरोपियों की संबंधित जिला मेडिकल बोर्ड से जांच रिपोर्ट मंगवाए जाने की मांग की है। साथ ही आरोपियों को पुलिस जांच में सहयोग प्रदान करने का निर्देश दिये जाने की मांग की है। आरोपी अपने वकील के माध्यम से आवेदन लगाकर बीमारी का बहाना बनाकर कोर्ट में आवेदन लगा रहें हैं। जिससे सुनवाई में भी देरी हो रही है।