नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में हुए इंदिरा प्रियर्शिनी बैंक घोटाला 17 सालों बाद फिर से चर्चा में है। पुलिस ने तत्कालीन बैंक मैनेजर से लंबी पूछताछ के बाद बड़ा कदम उठाया है। पुलिस ने 44 उद्योगपतियों को नोटिस जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने सभी अभियुक्तों को 11 अगस्त को कोर्ट ने पेश होने का आदेश दिया है।
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44 उद्योगपतियों को नोटिस
मिली जानकारी के अनुसार 17 साल बाद इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड घोटाले की फाइल 21 जून को दुबारा खोली गई। तत्कालीन बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा की नार्कोटेस्ट की सीडी 25 जून को कोतवाली पुलिस को सौंपी गई। पुलिस ने केस को री ओपन कर तत्कालीन बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा को पूछताछ के लिए बुलाया। उमेश सिन्हा से एक महीने तक लंबी पूछताछ के बाद पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। दरअसल पुलिस ने 44 उद्योगपतियों को नोटिस जारी किया है। जिसमें 40 उद्योगपति छत्तीसगढ़ के हैं और 4 उद्योगपति महाराष्ट्र के हैं।
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11 अगस्त को कोर्ट में पेश होने के आदेश
जानकारी के अनुसार जिला कोर्ट के प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी भूपेश कुमार बसंत की अदालत में शनिवार को मामले की सुनवाई हुई है। कोर्ट ने इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड घोटाले के सभी अभियुक्तों को 11 अगस्त को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। अभियोजक संदीप दुबे ने कोर्ट के ध्यान में लाया कि लंबे समय से अभियोक्तों की कोर्ट में पेशी नहीं हो रही है। अभियुक्त कोई ना कोई बहाना बनाकर नहीं आ रहें हैं। जिसके बाद कोर्ट ने आदेश जारी किया है।
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राज्य शासन ने की थी नए सिरे से जांच की मांग
21 जून 2023 को राज्य शासन द्वारा इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड घोटाले के नए सिरे से जांच की मांग की गई। जिस पर रायपुर के प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी भूपेश कुमार बसंत ने जांच की अनुमति दे दी। साल 2006 में इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड में 28 करोड़ रुपए का बैंक घोटाला सामने आया था। इस दौरान बैंक मैनेजर का नार्कोटेस्ट कराया गया था। किसकी सीडी 17 सालों बाद कोर्ट में पेश की गई। उसके बाद 25 जून के सीडी को पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस ने आरोपी मैनेजर के साथ–साथ घोटाले से जुड़े आरोपियों से एक महीने तक चली पूछताछ के बाद बड़ा कदम उठाया है।