रायपुर में जूड़ा ने हड़ताल के दौरान टेंट में चालू रखी OPD की सुविधा, टेंट में सेवाएं रहीं संचालित, बोले– काका क्या हुआ तेरा वादा

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Shivam Dubey
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रायपुर में जूड़ा ने हड़ताल के दौरान टेंट में चालू रखी OPD की सुविधा, टेंट में सेवाएं रहीं संचालित, बोले– काका क्या हुआ तेरा वादा




नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में 1 अगस्त से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। जूनियर डॉक्टर्स के हड़ताल में जाने से इमरजेंसी सेवाएं ठप हो गई हैं। 

पहले दिन जूडा ने ओपडी का काम अस्पताल में शुरू रखा था। लेकिन 2अगस्त को जूडा ने ओपीडी का पूर्णतः बहिस्कार किया है। हड़ताली जूडा ने मरीजों की परेशानियों को देखते हुए टेंट में ओपीडी सुविधाएं दी हैं। यहां सभी रोगों से संबंधित ओपीडी सेक्शन मौजूद थे। जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि हड़ताल की वजह से किसी भी मरीज को असुविधा नहीं होने देंगे। 



हड़ताली जूडा ने टेंट में शुरू की ओपीडी



छत्तीसगढ़ में जूनियर डॉक्टर्स स्टाइपेंड में बढ़ोत्तरी के लिए आंदोलनरत हैं। जूडा अभी तक अस्पतालों में काली पट्टी बांध कर विरोध कर रहे थे। लेकिन 1 अगस्त से जूडा ने पूरी तरह से काम बंद कर दिया है। पहले दिन जूनियर डॉक्टर्स ने ओपीडी में सेवाएं  दी थीं। लेकिन 2 अगस्त से जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी का भी पूर्णतः बहिस्कार करने का निर्णय लिया था। 2 अगस्त को जूडा ने अस्पताल के बाहर ही टेंट लगाकर विरोध प्रदर्शन किया है। जूनियर डॉक्टर्स ने मरीजों का ख्याल रखते हुए प्रदर्शन के टेंट में ओपड़ी की सेवाएं मुहैया कराई हैं। इस टेंट में बकायदा सभी रोगों से संबधित जूडा ने अपनी सेवाएं मरीजों को दी हैं। जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि उनके हड़ताल में जाने से मरीजों को कोई असुविधा ना हो इसलिए टेंट में ओपीडी का संचालन किया गया है। 



स्टाइपेंड में बढ़ोत्तरी को लेकर कर रहे हड़ताल 




 जूनियर डॉक्टर इंटर्न डॉक्टर, पीजी डॉक्टर एवं पोस्ट पीजी सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के स्टाइपंड बढ़ाने की मांग काफी लंबे समय से कर रहे हैं।  जूनियर डॉक्टर्स के मुताबिक छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है जहाँ कुल 4 साल का स्ट्रिक्ट रूरल बांड करवाया जाता है। MBBS के बाद 2 साल (bond Breakage amount 25 lac) और पीजी MD/MS के बाद 2 साल (बांड ब्रेकेज अमाउंट- 50 lac)। रूरल बांड 4 साल तो है ही। साथ ही जो स्टाइपंड मिलता है वो एक टीचर से भी कम है। MBBS के बाद बॉन्ड में- 45 हजार रुपए प्रति माह, MD/ MS के बाद बांड में 55 हजार रुपए प्रति माह। जबकि जब वही डॉक्टर पीजी कर रहा होता है मतलब MD/MS करते समय उसको 60 हजार रुपए स्टाइपंड मिलता है। जब वो MD/MS कम्पलीट कर लेता है और वो सीनियर रेजिडेंट हो जाता है।तो उसका पेमेंट अपने जूनियर से कम होकर सिर्फ 55 हजार रुपए प्रति माह हो जाता है। यह स्टाइपेंड आसपास के राज्यों से 40 से 45 प्रतिशत तक कम है।


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