Raipur. छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साहू को नसीहत दी है। मोहम्मद अकबर का कहना है कि धान खरीदी के सिस्टम कि अरुण साहू को कोई जानकारी नहीं है। राज्य सरकार किसानों का धान खरीदती है और ऋण लेकर भुगतान भी खुद करती है। केंद्र सरकार धान खरीदी के लिए अनुदान, सहायता या फिर किसी तरीके का कोई ऋण उपलब्ध नहीं करवाती है।
यह है धान खरीदी का सिस्टम
वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि धान खरीदी का एक सिस्टम है, राज्य सरकार किसानों से धान खरीदी करती है फिर कस्टम मिलिंग के बाद सेन्ट्रल पूल में चावल जमा किया जाता है। उसके बाद केन्द्र सरकार द्वारा जमा चावल के एवज में निर्धारित दर पर भुगतान किया जाता है। वर्ष 2023-24 में 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है। उन्होंनेे बताया कि किसानों से अब तक 15 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी की जा रही थी, जिसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने का निर्णय लिया है।
केन्द्र सरकार द्वारा कोई सहायता नहीं मिलती
मंत्री अकबर का कहना है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बारे में बताया कि धान खरीदी राज्य सरकार की सबसे बड़ी योजना है। धान खरीदी के लिए राज्य सरकार प्रतिवर्ष 20 से 25 हजार करोड़ रूपए का ऋण लेती है। यह ऋण छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के माध्यम से बैंको एवं नाबार्ड इत्यादि से लिया जाता है। धान खरीदी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को कोई सहायता नहीं दी जाती और न ही कोई अनुदान या ऋण दिया जाता है। बैंकों एवं नाबार्ड से ऋण राज्य सरकार की गारंटी पर दिया जाता है। पूरे देश में छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है, जहां हमारी सरकार बनने के बाद से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीद के साथ ही प्रतिपूर्ति के रूप में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् अतिरिक्त राशि प्रदान की जाती है। इस तरह किसानों को धान की कीमत 2500 रूपये प्रति क्विंटल मिल रही है।