Raipur. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम में कांग्रेस नेताओं के प्रभार बदलने को लेकर आदेश जारी किया था, जिसे प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने निरस्त कर दिया था। इसके बाद तमाम कयास लगाए जा रहे थे कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सब कुछ ठीक नहीं है। इस विषय पर मोहन मरकाम ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा है कि प्रभारी महासचिव के निर्देश हमेशा से ही सर्वोपरि रहे हैं और रहेंगे। संगठन का यही अनुसाशन है, मेरी कुछ बातों को गलत तरीके से पेश किया गया है। जिसके बाद मैं खुद चकित हूं उनके निर्देश हैं उनका पालन होगा।
'जिसकी जहां जरुरत वहीं नियुक्ति'
एआईसीसी प्रतिनिधि के रूप में सैलजा जी हमें दिशा निर्देश देती हैं। उन निर्देशों का पालन छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी करती है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी समय-समय पर प्रभार देती रहती है दिन की जहां उपयोगिता होती है। उसी जगह वह काम करते हैं जो भी दिशानिर्देश होता है उसका पालन करते हैं। आगामी आदेश तक जो भी नियुक्तियां होती हैं वह होती हैं। आज अगर कोई व्यक्ति है.. तो कल चेंज हो सकता है और परसों भी चेंज हो सकता है। यह ना माना जाए कि कोई स्थाई नियुक्ति होती है। जिसकी जहां उपयोगिता होती है, पीसीसी में उसे वही जगह मिलती है।
विधानसभा के साथ लोकसभा की भी तैयारी
मोहन मरकाम का कहना है कि आने वाले दिनों में हम बूथों के साथ मजबूती से खड़े रहे है। हमने विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा की तैयारी भी शुरू कर दी है। वहीं टिकटों को लेकर भी विचार-विमर्श शुरू हो चुका है। कोशिश की जा रही है कि विधानसभा के साथ ही लोकसभा के उम्मीदवारों को भी हरी झंडी दे देंगे ताकि वह अपने क्षेत्र में काम कर सकें।
'बीजेपी पहले अपने गिरेबान में झांके'
मोहन मरकाम का कहना है कि बीजेपी पहले अपने गिरेबान में झांके जो हटाने की कंपनी में पैसा लगा है। वह कहां का पैसा है? देश की आम जनता का पैसा है। असम के मुख्यमंत्री जब तक कांग्रेस में थे तब तक भ्रष्टाचारी थे और जैसे ही बीजेपी में चले गए तब वह धूल गए। उनके भ्रष्टाचार ऐसे ही हैं जो भी भारतीय जनता पार्टी में जाता है तो उसका भ्रष्टाचार का दाग धुल जाता है। दाग अच्छे होते हैं यह बीजेपी का चाल और चरित्र है।
सत्ता और संगठन का तालमेल बेहतर
मोहन मरकाम का कहना है कि अब तक हम सत्ता और संगठन के तालमेल के कारण ही हर चुनाव जीते हैं। 14 के 14 नगर निगम जीते, पांचो उप चुनाव जीते सत्ता और संगठन के तालमेल के कारण ही सभी चीजें सफल हो रहे हैं। बीजेपी पहले अपने घर पर देख ले 14 के 14 विधायक अलग-अलग चलते हैं अलग-अलग दिखते है। दूसरों का घर झांकने से पहले अपना घर देख लें।