नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में साल 2023– 24 के लिए धान खरीदी की तैयारी शुरू कर दी गई है। धान खरीदी में पारदर्शिता रखने और गड़बड़ी को रोकने के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था अपनाई जा रही है। इस सत्र से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। इस बार किसानों के उपस्थित नहीं होने पर उनके उत्तराधिकारी भी समर्थन मूल्य पर धान बेच सकेंगे।
नई व्यवस्था लागू
खरीफ विपणन वर्ष 2023–24 के लिए खाद्य विभाग ने तैयारिया शुरू कर दी हैं। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए बड़े पैमाने पर नियम भी तय किए गए हैं। प्राथमिक सहकारी सेवा समितियों में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों का पंजीयन शुरू कर दिया गया है। इस बार धान बेचने वाले किसानों की पहचान बायोमेट्रिक के जरिए की जाएगी। धान बेचने वाले किसान राजीव गांधी किसान न्याय योजना सहित अन्य शासकीय योजना का लाभ उठाने के लिए किसान एकीकृत पोर्टल में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। 31 अक्टूबर तक किसानों का पंजीयन किया जाएगा। वहीं इस साल 125 लाख मिट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है। इस साल साढ़े सात लाख बारदाने की जरूरत है। इसमें 4 लाख 3 हजार नए और 3 लाख 43 हजार गठान पुराने बारदाने शामिल हैं।
वारिस भी बेंच सकेंगे धान
छत्तीसगढ़ में 23 लाख से ज्यादा किसान रजिस्टर्ड है अब उनके वारिसों को भी धान बेचने का अधिकार मिल सकेगा। किसानों के अनुपस्थित होने पर उनके बारिश धान की बिक्री कर सकेंगे। 31 अक्टूबर तक सोसाइटी में किसान इसका पंजीयन करा सकेंगे। वारिसों को धान भेजने के लिए उत्तराधिकारी होने का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। जिसके पास प्रमाणपत्र होगा वही व्यक्ति धान की बिक्री कर सकेगा। प्रदेश में कई ऐसे किसान हैं जो धान बेचने के लिए सोसाइटी तक नहीं पहुंच पाते। जिसके कारण बायोमेट्रिक में स्कैनिंग की समस्या होती है। उत्तराधिकारियों का पंजीयन के बाद किसानों को इस समस्या से निजात मिल जाएगा और धान की बिक्री आसानी से हो सकेगी।