Raipur। छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय की स्पेशल ब्रांच इकाई ने पुलिस के हर अधिकारी कर्मचारी के लिए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के उपयोग पर बीस सूत्रीय दिशा निर्देश जारी किए हैं।इसमें क्रमशः कर के जो दिशा निर्देश जारी किए गए हैं उसमें सीधे तौर पर कहीं नहीं लिखा गया है कि, अधिकारी कर्मचारी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग नहीं कर सकते। लेकिन उसे कुछ इस तरह तय किया गया है कि, अब अधिकारी कर्मचारी सोशल मीडिया पर बेहद नपी तुली उपस्थिति रख पाएँगे।
कुल 20 बिंदुओं में जारी है निर्देश
छत्तीसगढ़ की सभी पुलिस इकाइयों को जारी इस परिपत्र में 20 बिंदु हैं। इनमें शासकीय दस्तावेज/ प्रतिवेदन/ नोटशीट को बिना अनुमति साझा न करना, विभागीय काम काज के संबंध में हुई चैटिंग सार्वजनिक न करना, किसी नियुक्ति का उल्लेख नहीं करना,विशेषतः गोपनीय कार्य में संलग्न पुलिसकर्मियों द्वारा। यूनिफ़ॉर्म या उसके किसी हिस्से को पहन कर रील मनोरंजक तस्वीर वीडियो शेयर नहीं करेंगे। अपराध के अन्वेषण, विचाराधीन न्यायालय में लंबित प्रकरणों से संबंधित कोई गोपनीय जानकारी सार्वजनिक नहीं होगी ना चर्चा होगी।जिन आरोपियों की पहचान परेड शेष हो उनकी पहचान सोशल मीडिया पर सार्वजनिक नहीं होगी।पुलिस अधिकारी कर्मचारी विभाग सभी अधिकारी सहकर्मी के खिलाफ टिप्पणी नहीं करेंगे।पुलिस के फ़ील्ड क्राफ़्ट विवेचना या अपराध के अन्वेषण में प्रयुक्त होने वाली गोपनीय तकनीक की जानकारी सोशल मीडिया पर सार्वजनिक नहीं की जाएगी।
रील और यूट्यूब से हलाकान थी PHQ
एक लंबे समय से PHQ इस बात से हलाकान परेशान था कि अधिकारी और कर्मचारी लगातार यू ट्यूब पर चुटीले अंदाज में पेश हो रहे थे। सोशल मीडिया पर कई पुलिसकर्मी रील बनाकर नाचते थिरकते गाते दिख रहे थे। लेकिन इस पर कोई स्पष्ट निर्देश नियम की तरह नहीं था। यह बीस सूत्रीय निर्देश से अब सोशल मीडिया के शौक़ीनों को करारा झटका लगा है।
इस निर्देश का दुरुपयोग भी संभावित
एक सबसे बड़ा मसला इस दिशा निर्देश से यह भी हो सकता है कि, पुलिस अधिकारी किसी भी जानकारी देने से मना कर दें और इसी नियम का हवाला दे दें। वहीं सिपाही स्तर के कर्मचारी या बड़े अधिकारी अब कोई वाजिब शिकायत भी करना चाहेंगे तो उसकी जानकारी वो शायद अपने ही सोशल मीडिया एकाउंट पर ना दे पाएँ।