नितिन मिश्रा,RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी में स्थित पं. रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में एनएसयूआई नेताओं ने ताला लगा दिया। छात्र नेताओं का कहना है कि कुलपति गहरी नींद में हैं। दरअसल बीए, बीएससी, बीकॉम के बीते दिनों रिजल्ट जारी हुए हैं। जिसमें 80 प्रतिशत से ज्यादा छात्र फेल हैं।
थाली चम्मच लेकर पहुंचे छात्र नेता
रायपुर में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय बीए, बीएससी और बीकॉम के रिजल्ट जारी किए हैं। जिसमें 80% से ज्यादा छात्र फेल हुए हैं। 27 जुलाई को रिटोटलिंग और रिचेकिंग के मांग के साथ एनएसयूआई के कार्यकर्ता छात्रों के साथ कुलपति दफ्तर का घेराव करने पहुंचे। यहां छात्र थाली चम्मच के साथ पहुंचे थे। छात्र नेता थाली चम्मच बजाकर कुलपति को नींद से जगाने के लिए प्रशासनिक भवन के बाहर जमकर प्रदर्शन किया है। हालांकि कुछ देर बाद छात्र नेताओं को बातचीत करने के लिए बुलाया गया। छात्रों को यह आश्वासन दिया गया है। कि फिर से उनके आंसर शीट की रिटोटलिंग की जाएगी।
छात्र नेता बोले
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के जिला महासचिव रजत ठाकुर ने बताया कि बीते दिनों कुलपति को ज्ञापन दिया गया था। जिसमें बीएससी पेपर फर्स्ट ईयर के 40 छात्रों को अकाउंट में जीरो नंबर देकर फेल की बात कही गई थी। लेकिन ज्ञापन देने के बाद भी प्रशासन का रवैया उदासीन रहा। जिसके कारण आज हम यहां पर दर्शन करने पहुंचे और प्रशासनिक भवन में तालाबंदी की है। कुलपति जी ने यह आश्वासन दिया है कि दोबारा से उन उत्तर पुस्तिकाओं की रिटोटलिंग की जाएगी।
21 प्रतिशत विद्यार्थी सफल हुए
जानकारी के मुताबिक पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय ने बीते दिनों वार्षिक परीक्षाओं के नतीजे जारी किए हैं। ग्रेजुएशन में फर्स्ट ईयर के छात्रों का रिजल्ट सबसे निराशाजनक रहा। रविवि के अलावा अलावा राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में भी फर्स्ट ईयर के छात्रों की यही स्थिति रही। b.a. फर्स्ट ईयर का रिजल्ट पिछले 9 साल में 40% से घटकर 28 प्रतिशत तक पहुंच गया है। रिजल्ट में 12 फ़ीसदी तक की गिरावट आई। बीसीए पार्ट वन में इस बार 21% छात्र पास हुए। कोरोना काल में 3 साल को छोड़कर बीए, बीकॉम, बीएससी, बीसीए फर्स्ट ईयर का रिजल्ट कभी भी 50% तक नहीं पहुंच पाया है। कोरोना काल से पहले ग्रेजुएशन की विभिन्न कोर्सों का रिजल्ट 40 से 45% रहा है। कोरोना काल में ऑनलाइन पेपर की वजह से 90% से ज्यादा छात्र पास हुए थे। लेकिन ऑफलाइन परीक्षा में ज्यादातर छात्र फेल हुए हैं।