Raipur. छत्तीसगढ़ में हिंदू संस्कृति को बढ़ावा देने रायपुर में भव्य आयोजन होने वाला इस आयोजन में लाखों लोगों के जुटने का दावा किया जा रहा है। 16 जून को विशाल कलश यात्रा निकाली जाएगी। जिसमें 55 देशों से प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस कलश यात्रा का उद्देश्य हिंदू संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने का है। जिसको लेकर राजधानी रायपुर में बैठक भी की गई है।
जगतगुरु शंकराचार्य के जन्मदिवस पर आयोजन
रांवाभाठा स्थित शंकराचार्य आश्रम में जगतगुरु शंकराचार्य के जन्मदिवस पर 16 जून को आयोजित विशाल कलश यात्रा को लेकर समाजसेवी बसंत अग्रवाल की अगुवाई में बैठक आयोजित की गई, बैठक के बाद कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी राजकुमार राठी ने बताया की कलश यात्रा में 11 हजार महिलाएं शामिल होंगी। इसी के साथ 1500 शिवभक्त भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करेंगे। राठी ने बताया की छत्तीसगढ़ में पहली बार 11 हजार महिलाओं द्वारा सिर पर जल का कलश लेकर गाजे–बाजे व झांकी के साथ कलश यात्रा 16 जून को प्रातः 9 बजे बंजारी माता मंदिर से प्रारंभ होंगी। जिसका समापन रांवाभाठा स्थित शंकराचार्य आश्रम में होगा। इस दौरान 1500 जोड़े के द्वारा भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाएगा, कलश यात्रा के पश्चात धर्मसभा का आयोजन किया गया जिसमें पूरे देश से धर्मप्रेमी शामिल होंगे। तत्पश्चात 12 बजे शंकराचार्य जी का आशीर्वचन प्रारंभ होगा।
55 देशों से शामिल होंगे प्रतिनिधि
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए समाजसेवी बसंत अग्रवाल ने बताया कि आयोजन में बनारस, काशी विद्यापीठ, लखनऊ,आयोध्या सहित देशभर से गुरु जी के भक्त उनका आशीर्वचन लेने रायपुर पहुंच रहे है। धर्म के क्षेत्र में आगे क्या करना है इसे लेकर गुरु जी मार्गदर्शन देंगे, बसंत ने बताया कि तकरीबन 1 लाख से अधिक भक्त कार्यक्रम में शामिल होंगे। कलश यात्रा के दौरान हाथी, घोड़े, ऊंट के साथ ही बारात स्वरूप शिव जी की झांकी निकाली जाएगी। इस दौरान ओडिशा से घंटीबाज को भी बुलाया गया है, कलश यात्रा को भव्य बनाने के लिए समिति द्वारा सभी महिलाओं को एक रंग के वस्त्र वितरित किए जा रहे है। नेपाल के राजदूत को भी कार्यक्रम में शामिल होने आमंत्रण दिया गया है। तकरीबन 55 देशों से 1 प्रतिनिधि इस आयोजन में शामिल होने जा रहे है।