नितिन मिश्रा, RAIPUR. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख आज यानी 16 अगस्त हैं। जिन किसानों ने अब तक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है उन्हे नुकसान झेलना पड़ सकता है। बीमा कराने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी। लेकिन कई किसान बीमा कराने से वंचित रह गए थे। जिसके बाद किसानों को बीमा कराने के लिए और समय दिया गया। बीमा कंपनियों के तय ना होने के कारण फसल बीमा देरी से शुरू हुआ था। प्रदेश में अब तक 23 लाख से ज्यादा किसान रजिस्टर्ड हैं।
आखिरी तारीख आज
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 16 अगस्त कर दी थी। 16 अगस्त फसल बीमा करवाने की आखिरी तिथि है। किसानों का बीमा देर से शुरू होने की वजह से किसान फसल को लेकर चिंतित थे। बीमा नहीं होने से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता था। हर साल 15 जुलाई से खरीफ की फसलों के लिए बीमा शुरू हो जाता था। लेकिन इस बार यह देरी से शुरू हुआ है। किसानों को बीमा कराने के लिए कम समय मिला। जिसके कारण कई किसानों का फसल बीमा नहीं हो पाया। इसे देखते हुए फसल बीमा कराने की समय सीमा बढ़ाई गई है। प्रदेश के किसान मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, सोयाबीन, मक्का, कोदो कुटकी एवं रागी का बीमा करा सकते हैं। इसके लिए बीमा कंपनी भी तय कर दी गई है। बीमा कंपनियों में एचडीएफसी, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, बजाज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का चयन किया गया है। बीमा कंपनियों का चयन इस साल के अलावा खरीफ और रबी की फसल 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 के लिए किया गया है।
2 प्रतिशत प्रीमियम राशि
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा के अंतर्गत खरीफ फसल के लिए बीमा कंपनी को खोल बीमित राशि का 2% प्रीमियम किसानों को देना होगा अधिसूचना क्षेत्र व फसल के लिए अलग-अलग संस्थाओं से कृषि ऋण स्वीकृत होने की स्थिति पैदा होने की स्थिति में एक ही स्थान से बीमा कराया जाना है। इसकी सूचना के संबंध में दस्तावेज को निरस्त करने का अधिकार इंश्योरेंश कंपनी का होगा।
पिछले साल 4 लाख किसानों को मिला था लाभ
जानकारी के अनुसार पिछले साल खरीद में प्रदेश के 98 लाख किसानों ने 32.19 हेक्टेयर में धान की फसल लगाई थी इसमें प्रदेश के अलग-अलग जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अंतर्गत 14 लाख 54 हजार 701 किसानों ने 15 लाख 9 हजार 356 हेक्टेयर की धान फसल का बीमा करवाया था जिनका बीमा धन 6 हजार 734 करोड़ रुपए से ज्यादा था। जिन किसानों ने प्रीमियम के रूप में 136 करोड़ 66 लाख रूपए जमा किए थे। पिछले वर्ष प्रदेश में 4 लाख 3 हजार 52 किसानों को उनकी फसल नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति के रूप में 143 करोड़ 11 लाख 53 हजार रूपए मुआवजे के रूप में दिए गए थे।