नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में धान की रोपाई शुरू हो गई है। लेकिन खरीफ वर्ष 2023 के लिए अभी भी फसल बीमा पोर्टल नहीं खुला है। ना ही कोई बीमा कंपनी तय हुई है। बीमा ना होने से किसान को नुकसान होने का खतरा सता रहा है। हर साल 15 जुलाई तक फसल बीमा पोर्टल शुरू हो जाता था।
रोपाई शुरू लेकिन बीमा नहीं
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में धान की रोपाई शुरू कर दी गई है। लेकिन साल 2023 के लिए फसल बीमा पोर्टल नहीं खोला गया है। जिसके चलते किसानों को नुकसान होने का डर सता रहा है। किसानों का कहना है कि खेती के लिए लोन ले लिया गया है और धान की रोपाई भी शुरू कर दी गई है।खरीफ की फसलों के लिए फसल बीमा का प्रीमियम जमा करना है। लेकिन बीमा नहीं हो रहा है। अभी तक यह तय नहीं किया गया है कि कौन सी कंपनी कौन से जिले में बीमा करेगी।
पिछले साल 4 लाख किसानों को मिला था लाभ
जानकारी के अनुसार पिछले साल खरीद में प्रदेश के 98 लाख किसानों ने 32.19 हेक्टेयर में धान की फसल लगाई थी इसमें प्रदेश के अलग-अलग जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अंतर्गत 14 लाख 54 हजार 701 किसानों ने 15 लाख 9 हजार 356 हेक्टेयर की धान फसल का बीमा करवाया था। जिनका बीमा धन 6 हजार 734 करोड़ रुपए से ज्यादा था। जिन किसानों ने प्रीमियम के रूप में 136 करोड़ 66 लाख रूपए जमा किए थे। पिछले वर्ष प्रदेश में 4 लाख 3 हजार 52 किसानों को उनकी फसल नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति के रूप में 143 करोड़ 11 लाख 53 हजार रूपए मुआवजे के रूप में दिए गए थे।
उच्च स्तर से तय होती है बीमा को अधिसूचना
कृषि विभाग के अनुसार खरीफ फसल बीमा के लिए अभी प्रीमियम डरते नहीं है दर तय होने के बाद अधिसूचना जारी होगी इसके बाद ही फसल बीमा पोर्टल शुरू होगा। जिसके लिए प्रक्रिया चल रही है। पोर्टल शुरू करने में विलंब पर कहा कि अधिसूचना उच्च स्तर से जारी की जाती है।
किसानों को सता रहा डर
किसानों की माने तो उनका कहना है की हर साल 15 जुलाई तक फसल का बीमा होना शुरू हो जाता था। लेकिन इस बार बीमा पोर्टल शुरू नहीं हुआ ऋण लेने वाले किसानों की बीमा राशि उसी से काट ली जाती थी। लेकिन अब तक फसल का बीमा हुआ ही नहीं है।जिससे अब नुकसान का खतरा बन गया है। किसानों को यह संशय भी है कि बीमा देर से कराने पर उन्हे बीमा का लाभ मिलेगा कि नहीं।