नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में आई फ्लू यानी पिंक आई का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। राजधानी में स्थित अंबेडकर अस्पताल में ओपीडी में रोज 50 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं।जिसके चलते अंबेडकर अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया गया है।जूनियर डॉक्टर के साथ पैरामेडिकल स्टाफ भी कंजेक्टिवाइटिस की चपेट में आ चुका है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा 18 इलाकों में कैंप लगाकर जांच की जा रही है।
मोतियाबिंद का ऑपरेशन बंद
मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी रायपुर में आंखों की बीमारी कंजेक्टिवाइटिस पिंक आई के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं यह बीमारी अब एक महामारी का रूप ले चुकी है अंबेडकर अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों के साथ-साथ पैरामेडिकल स्टाफ भी इससे पीड़ित हो चुकी जिसके चलते सोमवार से मोतियाबिंद के लिए ऑपरेशन अनिश्चितकालीन तक बंद कर दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है की मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने के बाद मरीज पिंक आई की चपेट में होगा। तो उसकी आंख की रोशनी जाने का खतरा बन जाएगा। जिसके चलते सभी प्रकार के ऑपरेशन ओं को टाल दिया गया है। अभी स्थिति सुधर जाने के बाद ही दोबारा से आंख संबंधित रोगों का इलाज हो सकेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर के 18 इलाकों में कैंप लगाकर इस बीमारी का इलाज किया जा रहा है।
रोज होते हैं 20 से ज्यादा ऑपरेशन
जानकारी के अनुसार अस्पताल में केवल इमरजेंसी ऑपरेशन के लिए निर्देश दिए गए हैं स्थिति की समीक्षा करने के बाद ऑपरेशन के बारे में कोई निर्णय लिया जा सकेगा कंजेक्टिवाइटिस पिंक आई के रोज औसतन 20 ऑपरेशन होते हैं जिसे टाल दिया गया है अस्पताल के सभी विभागों को अलर्ट कर दिया गया है अंबेडकर अस्पताल के लगभग दो दर्जन से ज्यादा स्टाफ 3 तारीख की चपेट में आ चुके हैं।
ओपीडी में रोज आ रहे 50 मरीज
शहर में पिंक आई कंजेक्टिवाइटिस तेजी से फैल रहा है जिसके चलते वह ओपीडी में रोज 50 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। सोमवार से मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। सोमवार को 60 से ज्यादा मरीज अस्पताल पहुंचे थे। 2 दिन पहले माना में स्थित नवोदय आवासीय विद्यालय में लगभग 100 बच्चे पिंकी की चपेट में हैं। वहीं शंकर नगर में स्थित बालिका गृह में सोमवार को 47 बच्चों में से 40 बच्चों में आंख की बीमारी देखने को मिली है।
कैसे फैलती है बीमारी
कंजेक्टिवाइटिस पिंक आई बीमारी पीड़ित व्यक्ति अगर आंखों में हाथ लगाने के बाद किसी से हाथ मिलाते हैं। अगर व्यक्ति से हाथ मिलाने वाला उस हाथ को अपनी आंखों में लगाता है। पीड़ित के रुमाल, टॉवल और उपयोग की गई चादर के इस्तेमाल करने से। । इस प्रकार पिंक आई बीमारी लोगों को अपनी चपेट में लेती है।