Raipur. 17 जुलाई को छत्तीसगढ़ का पहला तिहार हरेली तिहार मनाया गया है। सीएम निवास में भव्य तरीके से हरेली तिहार की धूमधाम रही है। वहीं दूसरी ओर तिहार में सियासत भी तेज हो गई है। कांग्रेस ने कहा है कि 15 साल के बाद हरेली का रंग बीजेपी कार्यालय में हरेली का रंग देखने को मिला, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव गेड़ी में चढ़े और तिहार मनाया। बीजेपी हरेली पर्व कार्यालय पर मनाए जाने पर इस पर सीएम भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा है कि अब धीरे-धीरे सब सीखेगें। वहीं सीएम के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने भी पलटवार किया है।
सीएम भूपेश बघेल ने क्या क्या कहा?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हरेली त्योहार केवल गेड़ी चढ़ने का त्योहार नहीं है। यह जीवन के उल्लास का त्योहार है। जीवन में उल्लास ऐसे ही नहीं आता। इसके लिए वातावरण बनाना होता है। बीजेपी के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में हरेली तिहार मनाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि 15 साल तक बीजेपी को मौका मिला था, बीजेपी ने ना छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर बनाई, ना राज गीत बनाया, ना छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार को मनाएं और जब से हमारी सरकार बनी है। मुख्यमंत्री निवास में सभी वर्गों के लिए दरवाजा हमेशा खुला रहता है और इस त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ हम मनाते हैं। छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर उन्होंने अपने मंच पर लगाया पिछले साल अमित शाह आए थे हरेली का त्योहार मनाए थे। ये अब धीरे धीरे सब सीखेंगे। बीजेपी दिखावा करती है।
बीजेपी कार्यालय में हरेली के रंग
वहीं दूसरी ओर बीजेपी भी इस बार धूमधाम से हरेली का तिहार मनाई है। कुशाभाउ ठाकरे परिसर में बीजेपी ने हरेली तिहार के दौरान प्रदेशाध्यक्ष अरुण साल गेड़ी पर चढ़ें। वहीं जिला कार्यालय में भी बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल, जिलाध्यक्ष जयंती पटेल पूर्व विधायक नंदे साहू, श्रीचंद सुंदरानी, संजय श्रीवास्तव, गोपी साहू के साथ कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि, आज से ही त्यौहारों की शुरुआत होती है। हर तरफ बड़े हर्षोल्लास के साथ हरेली मनाया जा रहा है। वहीं सीएम भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए अरुण साव ने कहा कि, सीएम भूपेश बघेल दिखावा ना करें। हरेली का त्यौहार सीएम भूपेश बघेल के आने के बाद से मना है, ऐसा नहीं है। हमारी संस्कृति और सभ्यता समृद्ध है।
18 सालों के बाद बीजेपी में हरेली का रंग चढ़ा
जानकारों के अनुसार 2018 में छत्तीसगढ़ भूपेश बघेल सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ी परंपराओं त्योहारों को पहले से ज्यादा अहमियत मिलने लगी है और आज हुए बीजेपी कार्यालय में उत्सव को लेकर यह बिल्कुल कहा जा सकता है कि 18 सालों के बाद बीजेपी में हरेली का रंग चढ़ा है। इससे पहले छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर को लेकर भी बीजेपी भी मैदान में उतरने लगी है। हाल ही में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के दौरान छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर पोस्टर में सबसे ऊपर लगी हुई थी। वही 18 सालों का गणित यह है की छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 15 सालों तक बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में शासन किया है। जबकि उससे पहले छत्तीसगढ़ राज्य के ठीक बाद 3 सालों तक कांग्रेस का ही शासन था। तब भी बीजेपी को छत्तीसगढ़ के त्योहारों की याद नहीं आई है।
'15 सालों में रमन राज ने संस्कृति को पीछे धकेला'
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन राज के 15 सालों मे छत्तीसगढ़ कि संस्कृति को पीछे धकेलने का सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया था। हरेली का त्यौहार हो या गेढ़ी पर चढ़ना हो या पारम्परिक खान पान कि परम्परा राज्य मे कांग्रेस कि सरकार बनने के बाद शुरू हुआ हो ऐसा नहीं है यह हमारी वर्षो कि परम्परा और धरोहर है। लेकिन 15 सालो तक बीजेपी सरकार ने इसको हतोत्साहित किया था। भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पारम्परिक तीज त्यौहार को बढ़ावा दिया, मुख्यमंत्री निवास राज्य के तीज त्यौहार संस्कृति के संवर्धन और पुनरुत्थान का केंद्र बना। तीजा हरेली हलशष्ठी आदिवासी दिवस माता कर्मा दिवस पर अवकाश घोषित किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ कि परिकल्पना का साकार रूप है कि 15 सालो तक राज्य के तीज त्यौहार संस्कृति को भुला देने वाले लोग भी गेड़ी चढने को मजबूर है। 15 सालों तक छत्तीसगढ़ कि संस्कृति के अपमान का दहशत है कि बीजेपी कार्यालय मे हरेली पर महिलाएं सुआ नृत्य करती दिखी।