नितिन मिश्रा, RAIPUR. राजधानी के कलेक्ट्रेट को नया रूप देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। नई कंपोजिट बिल्डिंग बनाने के लिए बजट 6 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए कर दिया गया है। 2012 में इसकी पहल तत्कालीन कलेक्टर द्वारा की गई थी। लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया था। अब 11 सालों बाद काम शुरू होगा। पहले प्रस्तावित कलेक्ट्रेट में 5 फ्लोर की बिल्डिंग तैयार की जानी थी। लेकिन अब 7 फ्लोर की हाईटेक बिल्डिंग बनाई जाएगी। यह पूरी बिल्डिंग वाईफाई नेटवर्क से लैस होगी। इस बार पीडब्ल्यूडी विभाग ने कलेक्ट्रेट की नई बिल्डिंग का डिजाइन तैयार किया है।
2012 से लंबित था प्रस्ताव
रायपुर के तत्कालीन कलेक्टर रोहित यादव ने सन् 2012 में कलेक्ट्रेट की नई बिल्डिंग के लिए प्रस्ताव तैयार किया था। लेकिन कई कलेक्टरों के बदलने के बाद भी कलेक्ट्रेट का काम शुरू नहीं हो पाया। हर बार किसी ना किसी कारण की वजह से काम शुरू नही हुआ। कभी ड्राइंग डिजाइन तो कभी बजट के नाम पर काम रुकता गया। अब इस बार लोक निर्माण विभाग को इसका जिम्मा सौंपा गया। पीडब्ल्यूडी ने कलेक्ट्रेट की नई बिल्डिंग का डिजाइन बनाया है। इसमें कृषि विभाग, रजिस्ट्री ऑफिस और जिला पंचायत की जमीन को भी शामिल किया गया है।
बनाई जाएगी 7 फ्लोर को हाईटेक बिल्डिंग
पीडीडब्लयू विभाग द्वारा बनाई गई नई डिजाइन के अनुसार कलेक्ट्रेट की नई बिल्डिंग 7 फ्लोर की बनाई जाएगी। पहले यह बिल्डिंग 5 फ्लोर की बनाई जाएगी। इसका शुरुआती बजट 6 करोड़ रुपए तय किया गया था। लेकिन अब समय के साथ महंगाई को देखते हुए इसका बजट बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए कर दिया गया है। कलेक्टोरेट के अधिकतर विभाग अभी अलग-अलग भवनों में संचालित किए जा रहें हैं। इसमें प्रमुख रूप से तहसील, जिला उद्योग भवन, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला कोषालय, श्रम विभाग, सीएमओ दफ्तर समेत कई विभाग शामिल हैं। ये सभी विभाग भविष्य में कलेक्ट्रेट की नई बिल्डिंग से संचालित होने। नए भवन का डीपीआर बनाने का ठेका एक प्राइवेट कंपनी को सौंपा गया है।
बनाई जाएगी हाईटेक बिल्डिंग, मिलेंगी ये सुविधाएं
कलेक्ट्रेट की नई बिल्डिंग में अधिकारियों, कर्मचारियों और वहां आने वाली पब्लिक को ध्यान में रखते हुए विभिन्न हाईटेक सुविधाएं दी जाएंगी। सबसे पहले नेटवर्क की दिक्कत ना हो इसके लिए पूरा भवन वाईफाई से लैस होगा। बिल्डिंग में लिफ्ट के साथ–साथ एस्केलेटर (चलित सीढियां) भी लगाए जाएंगे। अधिकारियों के चेंबर्स में डिजिटल लॉक लगाए जाएंगे। जिसकी मदद से अधिकारियों की इजाजत के बिना कोई अंदर नहीं जा पाएगा। साथ ही पूरी बिल्डिंग पर नजर रखने के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इसकी मदद से परिसर में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।