छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग कॉलेजों में कोटा सिस्टम खत्म, प्रदेश के छात्रों को मिलेगी प्राथमिकता, राज्य में 11 हजार से ज्यादा सीटें

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Shivam Dubey
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छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग कॉलेजों में कोटा सिस्टम खत्म, प्रदेश के छात्रों को मिलेगी प्राथमिकता, राज्य में 11 हजार से ज्यादा सीटें

नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए अब कोटा सिस्टम समाप्त कर दिया गया है अब इंजीनियरिंग में सबसे पहले छत्तीसगढ़ के छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य में इंजीनियरिंग की 11 हजार से ज्यादा सीटें हैं। पीईटी के  रिजल्ट्स आने के बाद 15 अगस्त से पहले काउंसलिंग शुरू हो सकती है। 



प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में कोटा सिस्टम समाप्त



जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आप कोई कोटा नहीं होगा। यह सिस्टम अब समाप्त कर दिया गया है। इंजीनियरिंग में पहले छत्तीसगढ़ के छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद यदि सीटें बचती हैं।तो दूसरे राज्य के छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा। पहले  प्राइवेट कॉलेजों में 10 प्रतिशत सीटें दूसरे राज्य के छात्रों के लिए आरक्षित होती थी।  ऐसा पॉलिटेक्निक, एमसीए, और  फार्मेसी जैसे तकनीकी कोर्स में भी होता था। अब नए सिस्टम के तहत प्रवेश दिए जाएंगे। नए नियम के अनुसार पीईटी में जीरो नंबर पाने वाले छात्र भी एडमिशन ले सकेंगे। इससे पहले 10 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक होता था। 



राज्य में 11 हजार से ज्यादा सीटें 



छत्तीसगढ़ में 33 इंजीनियरिंग कॉलेज स्थित हैं। प्रदेश में इंजीनियरिंग सीटों की कुल संख्या 11 हजार से ज्यादा है।  इनमें प्रवेश के लिए पिछले दिनों व्यापम ने पीईटी यानी प्री इंजीनियरिंग टेस्ट का आयोजन किया था।इसके नतीजे अगले हफ्ते जारी हो सकते हैं। जबकि काउंसलिंग 15 अगस्त से पहले शुरू हो सकती है। इंजीनियरिंग कॉलेज में पीटी के आधार पर छत्तीसगढ़ के छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद खाली सीटों में जेईई मेन देने वाले छत्तीसगढ़ के छात्रों को प्रवेश का अवसर मिलेगा। 



पिछले साल रिक्त बचीं थी हजारों सीटें 



पिछले साल क्षणिक सत्र में हजारों सीटें रिक्त बच गईं थी। जिसमें इंजीनियरिंग की 11 हजार 494 सीटों में 4 हजार 192 सीटों पर एडमिशन हुआ। इसमें 7 हजार 302 सीटें रिक्त बच गई। पॉलिटेक्निक के 8 हजार 224 सीटों में से 1 हजार 771 सीटों पर एडमिशन हुए जबकि 6 हजार 453 सीटें रिक्त बच गई।  एमसीए में 482 सीटें हैं जिनमें से 265 सीटों पर एडमिशन हो गए और 217 सीटें रिक्त बच गई।  एमबीए की 1320 सीटों में से 639 सीटों पर एडमिशन हुए और 681 सीटें रिक्त बच गई। फार्मेसी में 6 हजार 238 सीटों में से 3 हजार 675 सीटों पर एडमिशन हुए और 2 हजार 563 सीटें रिक्त बच गई।


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