नितिन मिश्रा, RAIPUR. लोग अपनी गाड़ियों को अलग पहचान देने के लिए महंगे दामों पर फैंसी नंबर खरीदते हैं छत्तीसगढ़ में आरटीओ ने बीते 6 महीनों में 8 करोड़ के फैंसी नंबर भेजे हैं। चॉइस नंबर खरीदने में रायपुर टॉप पर है। वहीं एक दो पहिया वाहन मालिक ने अपने मनपसंद नंबर लेने के लिए एक लाख खर्च कर दिए। छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग की आधी कमाई रायपुर आरटीओ के जरिए हुई है।
8 करोड़ से ज्यादा की हुई कमाई
मिली जानकारी के मुताबिक गाड़ियों को अलग नंबर से पहचान देने के लिए फैंसी नंबर खरीदते हैं। बीते 6 महीनों में आरटीओ ने 8 करोड़ 49 लाख 64 हजार रूपए की कमाई फैंसी नंबर प्लेट भेजकर की है जिसमें से आधी कमाई रायपुर आरटीओ के जरिए हुई है जिससे पता चलता है कि रायपुर में लोग फैंसी नंबर खरीदना कितना पसंद करते हैं रायपुर आरटीओ की कमाई 3 करोड़ 80 लाख 36 हजार हुई है। दूसरे नंबर पर बिलासपुर आरटीओ है जहां 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई हुई वहीं तीसरे नंबर पर दुर्ग आरटीओ है जहां 95 लाख 97 हजार रूपए की कमाई हुई है। आरटीओ की पूरी कमाई का 44% हिस्सा रायपुर आरटीओ का है।
यूनिक नंबर पाने की लोगों में होड़
परिवहन विभाग के अनुसार फैंसी नंबर लेने के लिए ऑनलाइन बोली में 12513 लोगों को फैंसी नंबर लोड किया गया उनमें से 17 कार मालिकों समेत 12 5 पहिया वाहन मालिक शामिल है। एक दो पहिया वाहन मालिक ने फैंसी नंबर पाने के लिए एक लाख से सवा लाख रुपए खर्च कर दिए। वही बस मालिकों ने एक जैसे नंबर प्राप्त करने के लिए सवा लाख रुपए तक खर्च किए हैं। बिलासपुर के एक व्यक्ति ने मिनी बस के लिए 1 लाख 22 हजार रुपए खर्च कर 0001 नंबर हासिल किया है।