नितिन मिश्रा,RAIPUR. राजधानी में स्थित साइंस कॉलेज चौपाटी को मानो नजर लग गई है। यह चौपाटी बनने से पहले ही विवादों में रही। चौपाटी में बनाई गई 60 दुकानों के लिए तीसरी बार टेंडर जारी किया गया है। दो बार टेंडर जारी किए गए टेंडर्स में किसी भी लेनदार या एजेंसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। जिसके बाद अब तीसरी बार निविदा जारी की गई है। 1 सितंबर तक आवेदन मंगाए गए हैं।
तीसरी बार टेंडर किया गया जारी
राजधानी रायपुर में एजुकेशन हब वाले इलाके में साइंस कॉलेज के पास एक नई चौपाटी का निर्माण किया गया है। यह पूरा काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। लेकिन यह चौपाटी बनने से पहले से ही विवादों में रही है। इस चौपाटी का मामला हाईकोर्ट तक जा पहुंचा था। जहां से हाल ही में स्मार्ट सिटी के इस प्रोजेक्ट को राहत मिली है। चौपाटी में 60 दुकानें मौजूद हैं। जिनके लिए 2 बार टेंडर जारी किया जा चुका है। पहली बार के टेंडर में एक ही एजेंसी ने दुकान लेने के लिए दिलचस्पी दिखाई थी। जिसके कारण टेंडर रद्द करना पड़ा था। दूसरी बार नियमों की कड़ाई कम की गई। फिर से टेंडर जारी किया गया। इस बार दो एजेंसियों ने दिलचस्पी दिखाई। जिसकी वजह से टेंडर को रद्द करना पड़ गया। अब यह तीसरी बार है जब टेंडर जारी किया गया है।
इस बार ज्यादा एजेंसियों के आने का दावा
आला अफसरों का दावा है कि इस बार ज्यादा एजेंसियां टेंडर में रुचि दिखाएंगी। इसके पीछे की वजह है कि नियमों में छूट दी गई है। 1 सितंबर तक 60 दुकानों वाली चौपाटी के टेंडर के आवेदन मंगाए गए हैं। एजेंसियां चौपाटी के टेंडर में इसलिए भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहीं क्योंकि मामला हाईकोर्ट तक जा पहुंचा है। जिस जगह पर चौपाटी मौजूद हैं। वहां विश्वविद्यालय, नालंदा परिसर, ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी मौजूद हैं। यह काफी भीड़ भाड़ वाला इलाका है। हालंकि अभी सड़को पर ही चौपाटी लग रही है।
बीजेपी ने किया था विरोध
बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने इस चौपाटी का विरोध किया था। मूणत ने यह आरोप लगाया था कि एजुकेशन हब वाले इलाके में चौपाटी खोलना सही नहीं है। इससे वहां माहौल खराब होगा। जिसके बाद बीजेपी नेता ने हाईकोर्ट में चौपाटी ना खुलने देने के लिए हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। जहां से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को राहत मिली है। बीजेपी नेता मूणत फिर से दोबारा सुनवाई की मांग कर सकते हैं।