नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में हड़ताल पर बैठे संविदा कर्मियों की नौकरियों पर गाज गिरना शुरू हो गई है। सरकार के हड़ताली संविदा कर्मियों पर एस्मा लगाने के बाद बीजापुर में 211 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है।
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संविदाकर्मियों पर कार्रवाई शुरू
छत्तीसगढ़ में नियमितीकरण की मांग को लेकर 3 जुलाई से प्रदेशभर के संविदा कर्मी हड़ताल पर बैठे हुए हैं सरकार ने 11 जुलाई को हड़ताली स्वास्थ्य कर्मियों पर और अन्य विभाग के कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया था। राज्य शासन द्वारा 11 जुलाई को स्वास्थ्य सेवा को जरूरी मानते हुए हड़ताल को अवैध करार दे दिया गया था और कर्मचारियों को वापस काम में लौटने का निर्देश दिया गया था। एस्मा लगने के बाद भी संविदा कर्मी हड़ताल से पीछे हटे हैं। फलस्वरूप अब संविदा कर्मियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बीजापुर जिले के एनएचएम के 211 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। अभी भी संविदा कर्मी सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले संविदा कर्मी हड़ताल पर बैठे हुए हैं।
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परिजनों के साथ निकाली संवाद यात्रा
सर विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के सभी संविदा कर्मी सरकार से संवाद करने के लिए नए–नए पैंतरे अजमा रहें हैं। संविदा कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ 26 जुलाई के संवाद रैली निकाली थी। अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले कर्मचारियों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए संविदा कर्मचारियों ने घुटनों का बल चलकर और दंडवत होकर संवाद रैली निकाली। जानकारी के अनुसार, इस संवाद रैली में जशपुर, बलरामपुर, दंतेवाडा, बीजापुर, सुकमा से सुबह से ही संविदा कर्मचारी तूता पहुंचे हैं। इस रैली का नेतृत्व घुटनों के बल चलने वाले, दंडवत चलने वाले, दिव्यांग और महिलाएं अपने बच्चों के लेकर धरना स्थल में पहुंची। जहां सभी सभी ने मुख्यमंत्री बघेल से सभी ने संवाद करने की मांग रखी।
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