नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में रायपुर से गुजरने वाली ट्रेनों की टाइमिंग में बीते 7 महीनों से बिगड़ी हुई है। ट्रेन अपने गंतव्य स्थान से ही 10-10 घंटे देरी से निकल रहीं है। दुर्ग से भोपाल जाने वाली अमरकंटक एक्सप्रेस ट्रेन अपने समय से 16 घंटे तक लेट हुई है। ट्रेनों में कन्फर्म टिकट तो मिल रहीं हैं। लेकिन ट्रेन समय से नहीं मिल रही। ट्रेनों की लेट लतीफ़ी के सवाल का रेल्वे ने भी इसका कोई ठोस जवाब नहीं दिया है।थे सूत्र ने पूरे मामले की पड़ताल की है।
अमरकण्टक एक्सप्रेस अपने समय से 16 घंटे तक हुई लेट
बता दें कि जब हमने ट्रेनों की लेट-लतीफ़ी के बारे में पड़ताल की तो पता चला कि दुर्ग से भोपाल कि ओर चलने वाली अमरकण्टक एक्सप्रेस ट्रेन अपने समय से 13 घंटे लेट हुई है। बीते एक सप्ताह में अमरकण्टक एक्सप्रेस बुधवार 5 जुलाई को 15 घंटे 22 मिनट लेट, 6 जुलाई को 11 घंटे 02 मिनट लेट, 7 जुलाई को 15 घंटे 29 मिनट लेट, 8 जुलाई को 14 घंटे 7 मिनट लेट, 9 जुलाई को 16 घंटे 35 मिनट लेट, 10 जुलाई को 10 घंटे 2 मिनट लेट, 11 जुलाई को ट्रेन 16 घंटे में भोपाल पहुँच पाई है। अमरकण्टक का एवरेज लेट टाइमिंग देखी जाए तो 8-9 घंटे लेट होना तय ही है। अगर ऐप के जरिए देखा जाए तो ऐप में ट्रेन की टाइमिंग वही दिखाई देगी। लेकिन ट्रेन के निश्चित समय से कुछ देर पहले वहां भी टाइमिंग बदल जाएगी।
इन ट्रेनों का भी है यही हाल
दुर्ग से हज़रत निजामुद्दीन तक चलने वाली (22868) हमसफर एक्सप्रेस, दुर्ग-नवतनवा ( 18201), सारनाथ एक्सप्रेस (15160), छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति (12823)और भी अन्य ट्रेनें शामिल हैं। जिस ट्रेनों में सफर करने के लिए कभी वेटिंग में टिकट लेनी पड़ती थी। उन ट्रेनों में अब कन्फर्म टिकट मिलने लगी हैं। लेकिन ट्रेन कब आएगी यह रेल्वे भी नहीं बता पा रहा है।
रेल्वे ने लाखों का किया रिफ़ंड
ट्रेनों के देरी से चलने की वजह से अब रेल्वे को लाखों रुपयों का घाटा पहुंच रहा है। रायपुर से 1 जुलाई से 11 जुलाई के बीच टिकटों के कैंसिल होने पर रेल्वे ने 17 लाख 78 हजार रुपए वापस करने पड़ें हैं। ट्रेनों के लेट होने के कारण अब यात्री बस या हवाई यात्रा के माध्यम से अपना रूख बदल रहें हैं। वहीं बीते तीन महीने में 31 हजार 965 यात्रियों ने अलग-अलग रूट की टिकटों को कैंसिल करवाया है।
देरी का ये कारण बताया गया
द सूत्र ने ट्रेनों की लेट-लतीफ़ी को लेकर जब दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे रायपुर के जनसंपर्क अधिकारी शिव प्रसाद शर्मा से बात की। उन्होंने ने कहा कि ट्रेनों की टाइमिंग के पीछे टेक्निकल कारण हैं जिनको सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।