नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ की राजधानी में प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले कई केंद्रीय मंत्री पहुंच चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने गुरुवार को ऐम्स में सीसीएसबी का शिलान्यास करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि देश को जल्दी ही 22 नए ऐम्स मिलने वाले हैं। साथ ही नर्सिंग की पढ़ाई विदेशी भाषा में करवाने की योजना सरकार बना रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय डॉक्टर्स दुनिया के सबसे श्रेष्ठ डॉक्टर्स हैं। कार्यक्रम में रायपुर सांसद सुनील सोनी ,सांसद सरोज पांडे मौजूद रहे। स्वास्थ्य मंत्री ने शिलान्यास के बाद छात्रों से सीधा संवाद किया है।
सीसीएसबी का शिलान्यास करने पहुँचे केन्द्रीय मंत्री
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने रायपुर ऐम्स में सीसीएसबी का शिलान्यास किया है। उन्होंने बताया कि क्रिटिकल यूनिट का शिलान्यास किया गया है। जिसमें 100 से ज्यादा बेड होंगे ,अल्टरनेटर फैसिलिटी होंगी। देश में कोई भी इमरजेंसी हो जाती है ऐसी स्थिति में यह हमारे काम आ सकेगा। एमर्जेंसी के वक्त भी और ना होने पर भी यह हमेशा काम आ सकेगा। देश के नागरिक स्वस्थ रहें स्वस्थ नागरिक ही स्वस्थ समाज का निर्माण करता है। स्वस्थ समाज समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।
विदेशी भाषा में नर्सिंग की पढ़ाई की तैयारी
छात्रों के साथ एक संवाद कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने नीट और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों को हो रही शंकाओं के बीच कहा कि मंत्रालय का प्रयास है कि छात्रों को प्रतिस्पर्द्धी माहौल बनाया जा सके। जिससे वे देश के साथ विदेश में भी वे अपनी सेवाएं प्रदान कर सकेंगे। आठ साल में मंत्रालय ने चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र की सीट्स दुगनी कर दी हैं। अगले तीन वर्ष में स्नातक के अनुरूप परा-स्नातक की सीट्स कर दी जाएंगी। 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने की अनुमति प्रदान की गई है। इसके साथ ही नर्सिंग छात्रों के पाठ्यक्रम में विदेशी भाषाएं भी सम्मिलित करने की योजना है।
देश को मिलेंगे 22 नए ऐम्स
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि देश को जल्दी ही 22 नए ऐम्स मिलने वाले हैं। जिनमें से 16 का काम पूरा हो चुका है और 6 का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जल्दी ही ये उपयोग में आएंगे।
भारतीय चिकित्सक दुनिया को नई दिशा दिखाते हैं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में चिकित्सा एक पेशा नहीं बल्कि सेवा का माध्यम माना जाता है। कोविड काल में चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टॉफ ने भारत के इस सेवा मॉडल को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर एक नया गौरव हासिल किया है।एम्स ने चिकित्सा सेवाओं के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं जिसे आगे ले जाने की आवश्यकता है। डॉ. मांडविया ने चिकित्सा शिक्षकों का आह्वान किया कि वे शोध और नवोन्मेष की ओर ध्यान केंद्रित करें। भारतीय चिकित्सक दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं, इस आत्मविश्वास के साथ वे दुनिया को एक नई दिशा प्रदान कर सकते हैं।