नितिन मिश्रा, RAIPUR. खारून नदी इन दिनों उफान पर चल रही है। भारी बारिश के चलते नदी और नाले भरे हुए हैं। खारुन नदी के निकट में कूदकर युवा अपनी जिंदगी को खतरे में डालने का काम कर रहे हैं। 5 सालों में इसी एनिकट में मस्तीबाजी करते हुए 42 मौतें हुई हैं। फिर भी प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
युवा खतरे में डाल रहे जिंदगी
छत्तीसगढ़ में इन दिनों भारी बारिश देखने को मिल रही है चारों और नदी नाले उफान पर हैं। रायपुर की जीवन दायिनी खारुन नदी में भी लबालब पानी भरा हुआ है। पानी का बहाव तेज होने के कारण नदी में गहरे भंवर बन चुके हैं। जो जानलेवा साबित हो सकते हैं। नदी के एनीकट पर इन दिनों युवाओं की भीड़ देखने को मिल रही है। युवा और बच्चे बहुत संख्या में नदी में नहाने पहुंच रहे हैं।लेकिन प्रशासन को इसकी कोई जानकारी नहीं है। महादेव घाट और भाठागांव स्थित एनीकट पर तेज बहाव के बीच युवा नहाते हुए दिखाई दे रहे। वर्तमान में इस जगह पर 15 से 20 फीट पानी की गहराई बताई जा रही है। इसी बहाव में कई लोगों की मौत हो चुकी है।बच्चों को रोकने के लिए यहां पर किसी भी प्रकार के सुरक्षा के इंतजाम नहीं है।
5 सालों में 42 मौतें
खारुन नदी में बने एनीकट पर होने वाली मौतों के आंकड़े हर साल बढ़ते जा रहे हैं। महादेव घाट और भाठागांव एनीकट पर बीते 5 सालों में 42 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें सबसे ज्यादा मौतें बरसात के मौसम में हो जाती है। प्रत्येक साल लगभग 6 से 8 लोगों की मौत नदी में बने गहरे भंवर में फसकर हो जाती है। मस्तीबाजी करने युवा इन्हीं एनीकट पर ज्यादा दिखाई देते हैं। ऊंची छलांग लगाकर नदी में कूदते हैं। उन्हीं जगहों पर भंवर बनकर तैयार हो चुके हैं।जिस में फंसने से कोई बड़ी घटना घट सकती है।