पवन सिलावट, RAISEN. मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। रायसेन जिले की सिलवानी विधानसभा में सचिव-सरपंच की काली करतूत सामने आई है। सरकारी कागजों में निर्माण हो रहा, लेकिन हकीकत कुछ और बयां कर रही है। पंचायत नारायणपुर में सरपंच और सचिव ने गांव में बिना काम किए ही लाखों रुपए का हेर फेर किया है।
शिकायत के बावजूद कार्रवाई करने से परहेज कर रहे अधिकारी
प्रदेश शासन ने ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान और गांव के विकास की बागडोर गांव के लोगों को ही सौंपने के उद्देश्य से प्रदेश में त्रिस्तरीय राज व्यवस्था लागू की है। इस व्यवस्था से अनेक गांव की तस्वीरें भी बदली है लेकिन पंचायती राज्य व्यवस्था को लागू करने वाले पंचायत सचिवों की ओर से अनपढ़ जन प्रतिनिधियों का लाभ उठाकर फर्जी तरीके से विकास कार्य दर्शाकर विकास की राशि का ही बंदरबांट कर रहे है। सिलवानी ब्लॉक की आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत नारायणपुर में भ्रष्टचार अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया है। एक ओर सरकार ने जहां पंचायती राज्य व्यवस्था के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में विकास का एक सपना देखा था। लेकिन इसका परिणाम कुछ उलट ही आ रहा है। ग्राम पंचायत के सचिव जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
गजब का हो रहा ऑनलाइन भ्रष्टाचार
जिले में हो रहे भ्रष्टाचार के कारनामे रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। प्रदेश की सरकारी योजनाओं में घपलेबाजी करके शासन का पैसा कैसे निकाल लिया जाता है इसका उदाहरण सिलवानी जनपद की कई ग्राम पंचायतों में आसानी से देखने को मिल जाएगा।
अधिकारियों की मिलीभगत
सिलवानी विधानसभा में सरकारी योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार पर अधिकारियों की चुप्पी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। जिम्मेदार अधिकारी मौके पर जाने के स्थान पर ऑफिस के टेबल से ही अपने कार्यो को अंजाम दे देते है।
इन कार्यों का मौके पर नहीं नाम निशान
ग्राम पंचायत नारायणपुर के ग्राम मेहका में खेल मैदान पर 3 लाख 8 हजार, खेल मैदान ककरूआ एक लाख 91 हजार,। शांति धाम ककरूआ, लमनयाउ के 40-40 हजार रूपये,। सामुदायिक कूप 1 लाख 75 हजार, एप्रोच रोड नारायणपुर से ककरूआ 13 लाख रुपए। सामुदायिक कूप नारायणपुर 1 लाख 47 हजार, सड़क ग्राम घोघरी से ककरूआ 11 लाख रुपए। पुलिया निर्माण लमनयाउ 4 लाख 70 हजार तालाब मरम्मत नारायणपुर 1 लाख 67 हजार। ग्राम मेहका से टडा की ओर खिरिया तक ग्रेवल सड़क निर्माण 14 लाख। जैसे कई कार्य है जो मौके पर हुए ही नहीं और राशि निकाल ली गई।
सरपंच ने की शिकायत
ग्राम पंचायत नारायणपुर के सरपंच रमेश सल्लाम का कहना है कि ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच गीताबाई मेहरा और तत्कालीन सचिव जसंवतसिंह रघुवंशी द्वारा ग्राम पंचायत के कार्यों पर व्यापक स्तर पर राशि निकाली गई। जो कि मौके पर कार्य ही नहीं हुए वहीं कई कार्य आधे अधूरे पड़े हैं। जिनकी जांच को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन, क्षेत्रीय विधायक और जनपद पंचायत सीईओ को पत्र लिखा गया है।