मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में सीएम भजनलाल शर्मा की सरकार के मंत्रिमंडल को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है और इसका इंतजार लंबा होता जा रहा है। पार्टी के पदाधिकारियों के बयानों को संकेत मानें तो इसमें अभी भी 1-2 दिन का समय लग सकता है।
मंत्रिमंडल विस्तार के लिए बढ़ा इंतजार
राजस्थान में बीजेपी सरकार का मंत्रिमंडल बुधवार को गठित होने की बात सामने आ रही थी और इसे लेकर राजभवन में तैयारी भी शुरू हो गई थी, लेकिन अब लग रहा है कि इसमें 1-2 दिन का समय और लग सकता है। इस बारे में जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी से पूछा तो उन्होंने कहा कि जल्द ही सूचना दे दी जाएगी। वहीं पार्टी के उपाध्यक्ष मुकेश दक्ष ने कहा कि मंत्रिमंडल की सूचना 1-2 दिन में दे दी जाएगी।
मंत्रिमंडल विस्तार में देरी की वजह साफ नहीं
पार्टी नेताओं के बयानों से संकेत मिल रहे हैं कि अब मंत्रिमंडल विस्तार गुरुवार या शुक्रवार तक टल गया है। हालांकि इस देरी का कोई कारण समझ में नहीं आ रहा है और ना ही पार्टी का कोई नेता इस पर कुछ बोलने के लिए तैयार हैं। ऑफ रिकॉर्ड बातचीत में भी पार्टी नेता स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बता रहे और यही कह रहे हैं सबकुछ ऊपर से तय होना है इसलिए हमें भी कुछ नहीं पता।
क्या गुटबाजी है वजह ?
अब मंत्रिमंडल गठन में हो रही देरी को पार्टी की आंतरिक गुटबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थकों के नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है।
लोकसभा चुनाव को देखते हुए विवाद नहीं चाहती बीजेपी
जितने विधायक जीतकर आए हैं, उनमें पिछला अनुभव रखने वाले ज्यादातर विधायक पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाते हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं पहली बार के विधायक हैं। ऐसे में मंत्रिमंडल में अनुभवी विधायकों का होना जरूरी माना जा रहा है, लेकिन पार्टी की दुविधा ये है कि राजे समर्थकों को ज्यादा संख्या में शामिल किया जाता है तो कैबिनेट में ही गुटबाजी की स्थिति बन सकती है। वहीं लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी कम से कम अभी किसी तरह का विवाद नहीं चाहती है। बहरहाल, कारण चाहे कुछ भी हो, लेकिन कैबिनेट के गठन में हो रही देरी ने प्रतिपक्ष में बैठी कांग्रेस को हमलावर होने का मौका जरूर दे दिया है, जो अब इस देरी को बड़ा मुद्दा बनाती दिख रही है।