CM अशोक गहलोत के पैर के अंगूठों में लगी चोट, 40 दिनों से घर से नहीं निकले मुख्यमंत्री, बीजेपी बोली- एम्स के डॉक्टरों से कराएं इलाज

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The Sootr CG
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CM अशोक गहलोत के पैर के अंगूठों में लगी चोट, 40 दिनों से घर से नहीं निकले मुख्यमंत्री, बीजेपी बोली- एम्स के डॉक्टरों से कराएं इलाज

मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीब 40 दिन से घर में कैद होना एक ऐसी घटना है जो पहले कभी नहीं हुई। इस कैद का कारण उनके पैरों में लगी चोट है। इसके चलते चुनाव जैसे अहम समय में उन्हें सीएम निवास से ही वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए ही सारे काम निपटाने पड़ रहे हैं। हालांकि, चोट के बावजूद सरकार के कोई काम उन्होंने रोके नहीं हैं, लेकिन ये चुनाव का समय है और बीजेपी उनकी चोट पर राजनीतिक बयानबाजी ज्यादा कर रही है।



चोट पर बीजेपी ने उठाए सवाल ?



हाल ही में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि सीएम का सिर्फ अंगूठों की चोट के कारण 36 दिन तक घर पर बैठना उनके चिकित्सकों और चिकित्सा व्यवस्था की क्षमता पर सवाल खड़ा कर रहा है। इसलिए उन्होंने ये अनुमति मांगी है कि सीएम चाहें तो वे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात करके एम्स की टीम वहां बुलवाएंगें ताकि उनके बेहतर ढंग से उपचार हो सके।



सीएम को कैसे लगी थी चोट



सीएम गहलोत 29 जून की शाम को चोटिल हुए थे। वे अपने निवास पर ही थे और बताया जा रहा है कि उनका पैर जमीन पर किसी दरी में फंसा और टेबिल से टकरा गया। इससे एक पैर के अंगूठे का नाखून उतर गया और ब्लीडिंग होने लगी। जांच के लिए वे सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचे और पैर की ड्रेसिंग करवाई। इसी दौरान दूसरे पैर के अंगूठे में भी कुछ परेशानी महसूस हुई तो उसका एक्सरे कराया और पता लगा कि दूसरे पैर के अंगूठे में माइनर फ्रेक्चर है। इस तरह उनके दोनों पैर ही चोटिल हो गए और उन्हें पूरी तरह से व्हील चेयर पर आना पड़ा। इस मामले में जिस दिन चोट लगी थी, सिर्फ उसी दिन सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉक्टरों का बयान सामने आया था। इसके बाद एक बार भी अस्पताल या सरकार की ओर से कोई हैल्थ बुलेटिन जारी नहीं किया गया। हालांकि, बताया जा रहा है कि पैरों से प्लास्टर हट गया है, लेकिन अभी भी एहतियात के तौर पर उन्हें कुछ दिन पैदल नहीं चलने की सलाह दी गई है।



वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुए कांग्रेस की बड़ी बैठक में शामिल



जिस दिन गहलोत को चोट लगी, उसके 2-3 दिन बाद ही राजस्थान की चुनावी तैयारी को लेकर दिल्ली मे कांग्रेस की एक बड़ी बैठक प्रस्तावित की गई। इसके अलावा जयपुर में भी कांग्रेस की एक बड़ी बैठक होनी थी। जयपुर में होने वाली बैठक तो रद्द ही हो गई, वहीं दिल्ली की बैठक में गहलोत को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शामिल होना पड़ा। इस बैठक में राहुल गांधी और मल्लिाकर्जुन खड़गे से लेकर सचिन पायलट और राजस्थान और दिल्ली के तमाम बड़े कांग्रेस नेता मौजूद थे। बताया जा रहा है कि बैठक में खड़गे ने गहलोत से कहा भी था कि पट्टा जल्दी उतारकर मैदान में उतरिए गहलोत साब।



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बीजेपी कर रही राजनीतिक बयानबाजी



गहलोत की चोट के मामले में विपक्ष में बैठे बीजेपी के नेता राजनीतिक बयानबाजी करते दिख रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया सहित पार्टी के कई नेता विधानसभा में ये कहते सुने गए कि जब-जब दिल्ली में कांग्रेस की किसी बैठक में गहलोत को बुलाया जाता है, उन्हें कुछ हो जाता है। वहीं बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने हाल में भरतपुर में अपने दौरे में कहा कि दोनों पैरों में फ्रैक्चर कैसे हो सकता है। उन्हें कुछ समझ नहीं आया और न ही उन्होंने ऐसा कभी देखा है। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर का पैनल बनाइए जो बताए कि कहां चोट लगी है और कितने दिन में ठीक होगी। उन्होंने यहां तक कहा कि जनता से झूठी हमदर्दी पाने के लिए चोट का नाटक कर रहे हैं।



गहलोत ने बीजेपी नेताओं पर किया पलटवार



अशोक गहलोत ने अपने पैर में लगी चोट पर बीजेपी नेताओं के कमेंट्स पर जमकर पलटवार किया। हाल ही में जिलों की घोषणा वाले कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उन्हें चोट लगी और बीजेपी वाले इस पर मजाक कर रहे हैं। इससे उनका कद घट रहा है। इसके बजाय वे उनसे मिलने आते तो उनका कद बढ़ता। वो जानते नहीं हैं कि कद कैसे बढ़ता है। जनता सब देख रही है। हमारे यहां तो पक्ष और विपक्ष के रिश्ते बहुत अच्छे रहे हैं। लेकिन, ऐसे लोग आकर नेता बन गए जिनमें सामान्य शालीनता भी नहीं है। उन्होंने कहा कि पैरों पर कमेंट किया गया। वे दुखी हैं कि कहीं जा नहीं पा रहे हैं।



पीएम के कार्यक्रम को लेकर हुआ विवाद



इस चोट के चलते ही पीएम मोदी के पिछले दिनों सीकर में हुए कार्यक्रम में उनके शामिल होने को लेकर विवाद हो गया। वे अपनी चोट के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए, वहीं पीएमओ ने समझा कि वे कार्यक्रम में नहीं आएंगे, इसलिए उनका भाषण हटा दिया गया। इसे लेकर पीएम के कार्यक्रम वाले दिन ट्विटर वॉर चलता रहा।



इससे पहले भी 2 बार स्वास्थ्य कारणों से घर में कैद हुए गहलोत



इससे पहले भी 2 बार स्वास्थ्य कारणों की वजह से गहलोत को लम्बा समय घर पर बिताना पड़ा था। ऐसा एक बार कोविड के समय हुआ, जब वे स्वयं कोरोना पीड़ित हो गए थे। वहीं 2 साल पहले अगस्त में ही एक बार तब हुआ जब उन्हें हार्ट में कुछ समस्या हुई और उन्हें एंजियोप्लास्टी करवानी पड़ी।


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