जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में हर के 2 महीने बाद प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि चुनाव में मुझे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सिंह से गलतियां हुईं। हम स्टैंड नहीं ले पाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिनको हमने टिकट दिया वे 40 हजार वोटो से जीते हैं। शुक्रवार को बीकानेर में कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कार्यक्रम में सुखजिंदर सिंह रंधावा का यह बयान कांग्रेस के गलियारों में हलचल मचा रहा है, क्योंकि इस बयान को सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्णय पर सवाल के रूप में देखा जा रहा है।
रंधावा ने कहा कि "मुझसे प्रदेश प्रभारी के नाते और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से कई गलतियां हुई हैं." लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के संवाद कार्यक्रम में शिरकत करने आए रंधावा ने मंच पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ये बात कही। संवाद कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी मंच पर मौजूद थे।
पूर्व मंत्रियों की गैर मौजूदगी पर नाराजगी
पहली बार खुले मंच पर उन्होंने ये स्वीकार किया कि डोटासरा के साथ मिलकर स्टैंड नहीं ले पाए। इस दौरान वे बोले- अगर हमारे निर्णय लागू होते को राज्य में कांग्रेस की सरकार फिर आ जाती। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद तीन पूर्व मंत्रियों (डॉ. बी.डी. कल्ला, गोविंद मेघवाल और भंवर सिंह भाटी) की ओर इशारा करते हुए कहा कि गलती हमारी है कि हमने यहां तीन- तीन मंत्री बनाए और तीनों मंत्रियों को फिर से टिकट दिया। मैं देख रहा हूं, इस कार्यक्रम में भी इनके साथ कोई नहीं आया। रंधावा ने यह भी कहा कि किसी भी चुनाव में हार होने और सरकार के चले जाने पर प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष को इसका दंड भुगतना पड़ता है, लेकिन हम लोगों ने पार्टी के लिए मेहनत की और आलाकमान ने भी इस बात को समझा, इसीलिए आज हम लोग अपने पद पर हैं।
टिकट वितरण में गहलोत की चली थी
राजस्थान विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस के टिकट वितरण में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने ज्यादातर विधायकों और समर्थकों को टिकट दिलाने में कामयाब रहे थे। उन्होंने न सिर्फ कांग्रेस के विधायकों के टिकिट रिपीट कराए बल्कि सरकार चलाने में उनका सहयोग देने वाले कई निर्दलीयों और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए तीन विधायकों को भी टिकट दिलवाएं। ऐसे में रंधावा का यह बयान सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की टिकट वितरण को लेकर किए गए फैसलों पर निशाने के रूप में देखा जा रहा है।