राजस्थान में ED के बढ़ते कदम सरकार के लिए पैदा कर सकते हैं मुश्किलें, 3 बड़े मामलों पर नजर, 3 में सरकार से जुड़े नामों का कथित जुड़ाव

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The Sootr CG
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राजस्थान में ED के बढ़ते कदम सरकार के लिए पैदा कर सकते हैं मुश्किलें, 3 बड़े मामलों पर नजर, 3 में सरकार से जुड़े नामों का कथित जुड़ाव

मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की बढ़ती सक्रियता सरकार के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। हालांकि, प्रदेश की कांग्रेस सरकार और इसके नेता ईडी की कार्रवाइयों को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं, लेकिन जिन मामलों में ईडी काम करती दिख रही है उन्हें राज्य सरकार की जांच एजेंसी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और राजस्थान पुलिस ने ही पकड़ा है।





ईडी के आरोप साबित होने पर हो सकती है कांग्रेस को बड़ी परेशानी





इस दौरान गड़बड़ तो हुई है और अब ईडी इन मामलों को आगे बढ़ा रही है। ऐसे में ईडी पर यह आरोप नहीं लगाया जा सकता है कि वह अपनी ओर से कोई मामला फ्रेम कर के आगे बढ़ा रही है। राजस्थान में प्रवर्तन निदेशालय इस समय मुख्य तौर पर दो मामलों रीट परीक्षा पेपर लीक और सरकारी कार्यालय योजना भवन के बेसमेंट की अलमारी में 2.31 करोड़ रुपए नकद और 1 किलो सोना मिलने के मामले में कार्रवाई करती दिख रही है। इसके साथ ही जल जीवन मिशन में हुई अनियमितताओं पर भी ईडी की नजर बताई जाती है। हालांकि, इस मामले में ईडी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। ये तीनों ही मामले ऐसे हैं, जिनमें प्रतिपक्षी बीजेपी ने सरकार से जुडे़ बडे़ नामों की कथित संलिप्तता के आरोप लगाए हैं और बीजेपी नेताओं की ओर से ही ईडी में शिकायतें भी की गई हैं। ऐसे में ईडी इन आरोपों को साबित कर पाती है तो चुनाव से पहले यह सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।





आइए जानते हैं क्या हैं मामले और क्या हैं आरोप और ईडी ने अब तक क्या किया है-





रीट परीक्षा पेपर लीक मामला





रीट परीक्षा पेपर लीक मामला राजस्थान के सबसे चर्चित मामलों में रहा है। यह पेपर जयपुर में शिक्षा विभाग के मुख्य कार्यालय में स्थित स्ट्रांग रूम से लीक हुआ था। पेपर लीक की शिकायत सामने आने के बाद राजस्थान पुलिस के ही स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी एसओजी ने इसमें कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया था। बीजेपी नेताओं का आरोप था कि इस मामले में तत्कालीन राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े लोग शामिल हैं। इसमें सरकार के एक-दो मंत्रियों के नाम होने के आरोप भी लगाए गए थे।





सरकार ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को पद से हटाया था। बीजेपी ने मामले की शिकायत ईडी तक पहुंचाई थी। ईडी ने मामले के बड़े आरोपी रामकृपालु मीणा को इसी माह में जून में गिरफ्तार किया था और उसे पूछताछ के लिए दिल्ली ले गई थी। इस पूछताछ के बाद हाल में ईडी ने सीकर में स्थित कलाम कोचिंग सेंटर पर छापा मारा था। यहां दो दिन तक ईडी ने पूरा रिकॉर्ड खंगाला है। इस कोचिंग सेंटर का संबंद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ होने का आरेाप है। हालांकि डोटासरा ने उसी दिन इसका खंडन कर दिया था। 





सरकारी कार्यालय में कैश और सोने मिलने का मामला





इस वर्ष 19 मई को जयपुर में सरकारी कार्यालय योजना भवन के बेसमेंट की अलमारी में 2.31 करोड़ रुपए नकद और एक किलो सोना मिला था। सरकार की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने खुद इस मामले की जानकारी मीडिया को दी थी और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इस मामले में सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त निदेशक वेदप्रकाश यादव को गिरफ्तार किया था। इस मामले में बीजेपी ने आरोप लगाए थे कि वेदप्रकाश यादव छोटी मछली हैं और मामले की जांच यदि सही ढंग से की जाए तो कई बड़े नाम सामने आएंगे।





बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोडीलाल मीणा ने सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग में उपकरण सप्लाई और इंस्टॉलेशन में करोड़ो रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और मामले की शिकायत ईडी में की थी। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने वेदप्रकाश यादव को गिरफ्तार करने के बाद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की तो पिछले दिनों अचानक ईडी सक्रिय हुई और इसने वेदप्रकाश यादव को गिरफ्तार किया और उसे रिमांड में लेकर पूछताछ की। इस पूछताछ के बाद दो दिन पहले ईडी ने सचिवालय और योजना भवन पहुंची, सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों को नोटिस दिए। ईडी की टीम अतिरिक्त मुख्य सचिव वित अखिल अरोड़ा और सूचना प्रोद्योगिकी सचिव आनंदी से मिलना चाहती थी, लेकिन ये कार्यालय में नहीं थे, इसलिए मुलाकात नहीं हो सकी। जानकार मान रहे हैं कि ईडी का इस मामले में अचानक सक्रिय होना और सचिवालय तक पहुंचना अहम है और इस मामले की जांच भी अगर अंजाम तक पहुंचती है तो कुछ बड़े नाम सामने आ सकते हैं।





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जल जीवन मिशन





इस मामले में सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने ही पिछले दिनों कार्रवाई कर दो अधिकारियो, दलालों और ठेकेदार को पकड़ा है। जिन्हें पकड़ा गया है, उनका संबंध उन्हीं कंपनियों से है, जिन्हें लेकर कुछ समय पहले बीजेपी नेता किरोडीलाल मीणा ने जल जीवन मिशन में हजारों करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगाए थे और सरकार के जलदाय मंत्री महेश जोशी और अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल पर आरेाप लगाए थे। ईडी तक शिकायत पहुंचाई थी। बताया जा रहा है कि ईडी की नजर इस मामले पर लगाताार बनी हुई है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि ईडी कार्रवाई का मन बना चुकी थी, लेकिन एसीबी ने पहले ही कार्रवाई कर दी। अब बताया जा रहा है कि जैसे रीट पेपर लीक, कैश और सोने के मामले में राज्य की एजेंसियों की कार्रवाई के बाद भी ईडी ने सक्रियता बढ़ाई है, उसी तरह जल जीवन मिशन के मामले को भी हाथ में ले सकती है।





रंधावा बोले हम ईडी से नहीं डरते 





ईडी की इन कार्रवाइयों से सरकार में बैठे लोगों में हलचल तो है, हालांकि सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि यह सब कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है और सरकार किसी भी कार्रवाई से नहीं डरती है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता ईडी से नहीं डरता है और ना हम अंग्रेजों से डरे हैं और ना ईडी से डरेंगे।



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