JAIPUR. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने नकल माफिया पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। राज्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक करने वालों को अब उम्रकैद की सजा होगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नकल माफिया को लेकर यह बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। आगामी विधानसभा सत्र में सरकार इस संबंध में अध्यादेश लेकर आएगी। इस अध्यादेश के जरिए नकल माफिया को अधिकतम सजा के तौर पर उम्रकैद की सजा का प्रावधान जोड़ा जाएगा।
10 साल की सजा और 10 करोड़ के जुर्माने का प्रावधान में होगा संशोधन
राज्य सरकार पिछले साल नकल माफिया के खिलाफ नया कानून लेकर आई थी। नकल विरोधी इस नए कानून में 10 साल की सजा और 10 करोड़ रुपए तक के जुर्माने के प्रावधान किए गए थे। यह नया नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद भी राजस्थान में चार प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए थे। बार- बार पेपर लीक होने पर बेरोजगारों के भविष्य के साथ धोखा होता है। ऐसे में राज्य सरकार ने नकल माफिया पर लगाम लगाने के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान जोड़ने का फैसला किया है।
बेरोजगार संगठन बोले - हमारे संघर्ष की जीत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इस निर्णय के बारे में जानकारी साझा करने के बाद राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद दिया है। उपेन यादव ने कहा कि वे लम्बे समय से मांग कर रहे हैं कि पेपर लीक माफिया के खिलाफ सख्त से सख्त सजा के प्रावधान होने चाहिए, ताकि उनमें कानून का भय हो। सख्त सजा का प्रावधान होने से पेपर लीक माफियाओं में डर का माहौल होगा, जिससे पेपर लीक की घटनाओं पर लगाम लग सकेगी। सरकार के इस फैसले को उपेन यादव ने बेरोजगारों के संघर्ष की जीत बताया है