JAIPUR. विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने भी धर्म की शरण लेना शुरू कर दी है। UP के मथुरा- वृंदावन तीर्थ की विश्व प्रसिद्ध 84 काेसी गिर्राजजी परिक्रमा क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने ब्रज क्षेत्र धार्मिक विकास बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसी तरह थार क्षेत्र विकास बोर्ड भी बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि यह बोर्ड क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर पहचान, पर्यटन को बढ़ावा देने, क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने और पर्यटन स्थलों के विकास के लिए राज्य सरकार को सुझाव देंगे। बोर्ड पर्यटन विकास की दृष्टि से समग्र आकलन करेगा। क्षेत्रीय पर्यटन विकास परियोजनाएं बनाएगा। धोरों पर एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देगा। पर्यटकों के लिए ढाणियों में आवास- प्रवास विकसित करेगा। थार के पारम्परिक हस्तशिल्प, कुटीर उद्योगों, कला शिल्प के संरक्षण-संवर्धन के कार्य भी करेगा।
ब्रज क्षेत्र धार्मिक विकास बोर्ड
दोनों बोर्ड का मुख्यालय जयपुर में होगा। पर्यटन विभाग इनका प्रशासनिक विभाग होगा। इनमें पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक (विकास) के सदस्य सचिव होंगे। इस बोर्ड में अध्यक्ष सहित चार गैर सरकारी सदस्य होंगे। इनका कार्यकाल पदग्रहण से तीन वर्ष का होगा। सरकारी सदस्यों में पर्यटन विभाग के निदेशक, राजस्थान पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक, राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, भरतपुर संभागीय आयुक्त या उनके प्रतिनिधि, भरतपुर जिला कलक्टर या उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बोर्ड के कार्यक्षेत्र भरतपुर और करौली जिले में होंगे।
थार क्षेत्र विकास बोर्ड
इस बोर्ड में भी अध्यक्ष सहित चार गैर सरकारी सदस्य होंगे। सरकारी सदस्यों में पर्यटन विभाग निदेशक, राजस्थान पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक, राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बीकानेर व जोधपुर के संभागीय आयुक्त या प्रतिनिधि, चूरू, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर एवं बाड़मेर के जिला कलक्टर या उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे। विशेष आमंत्रित सदस्य भी बैठकों में बुलाए जा सकते हैं। बोर्ड का कार्यक्षेत्र चूरू, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर एवं बाड़मेर जिलों में रहेगा।