मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान हाईकोर्ट ने उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की शपथ को लेकर दायर याचिका ना सिर्फ खारिज कर दी बल्कि याचिका लगाने वाले पर 25 हजार रुपए जुर्माना भी लगा दिया।
जनहित याचिकाओं का हो रहा दुरुपयोग
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई के बाद याचिका को खारिज करते आजकल जनहित याचिकाओं का बहुत दुरुपयोग हो रहा है। ये मामला भी इसी श्रेणी में आता है। याचिकाकर्ता प्रैक्टिसिंग एडवोकेट भी हैं, लेकिन उन्होंने फिर भी बिना स्टडी किए इस तरह की जनहित याचिका कोर्ट में पेश की।
याचिका तथ्यहीन और दुर्भावना से प्रेरित
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पैरवी करते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राज दीपक रस्तोगी ने कहा कि दोनों उप मुख्यमंत्री ने संविधान में शपथ को लेकर निर्धारित प्रपत्र के आधार पर ही शपथ ली है। केवल उप मुख्यमंत्री शब्द बोल देने से शपथ अवैध नहीं हो जाती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश के 5 हाईकोर्ट इस तरह के मामलों में शपथ को वैध करार दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह याचिका पूरी तरह से तथ्यहीन और दुर्भावना से प्रेरित है। ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए।
डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने ली थी शपथ
उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने 15 दिसंबर को अल्बर्ट हॉल पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ ही पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए थे। दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा की शपथ को वकील ओमप्रकाश सोलंकी ने ये कहते हुए चुनौती दी थी कि संविधान में उप मुख्यमंत्री के पद का उल्लेख ही नहीं है। ऐसे में शपथ को असंवैधानिक करार दिया जाए।