JAIPUR. राजस्थान विधानसभा में आज कार्यवाही हंगामेदार होने की सम्भावना है। राज्य सरकार आज पेपर लीक से जुड़े मामलों में अधिकतम सजा उम्र कैद किए जाने का कानून पेश करेगी और माना जा रहा है कि बिल पर चर्चा के दौरान हंगामा हो सकता है। नजर इस बात पर भी रहेगी कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट इस बिल पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखते हैं या नहीं, क्योंकि उन्होंने ही मई में पेपर लीक की बढ़ती घटनाओं के विरोध में अजमेर से जयपुर तक पदयात्रा की थी।
राजस्थान में सार्वजनिक परीक्षाओं में पेपर लीक की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह संशोधन बिल लाया गया था। ऐसे मामलों में अब तक पेपर लीक या परीक्षा में अनुचित साधनों के उपयोग में लिप्त है तो उसे पांच से दस वर्ष तक के कारावास की सजा देने और दस लाख से दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान था। अब सरकार ने इस सजा को और कठोर बनाते हुए ऐसे मामलों में न्यूनतम कारावास दस वर्ष और अधिकतम आजीवन कारावास कर दिया है। यानी अब पेपर लीक मामलों में पकडे गए लोगों को उम्र कैद तक की सजा हो सकेगी।
पेपर लीक की घटनाओं को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बना रखा है और इसे लेकर आक्रामक विरोध प्रदर्शन भी हो चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि बिल पर चर्चा के दौरान हंगामे की स्थिति बन सकती है। वहीं इस बिल पर चर्चा के दौरान सचिन पायलट का वक्तव्य होता है या नहीं यह भी देखने वाली बात होगी, क्योंकि सीएम अशोक गहलोत ने जब यह बिल लाने की घोषणा की थी तो माना गया था कि सरकार ने सचिन पायलट की ओर से इस बारे में उठाई मांग को कुछ हद तक पूरा किया है। पायलट पेपर लीक प्रकरण से प्रभावित अभ्यर्थियों को मुआवजा देने की मांग की थी। यह मांग चूंकि अव्यवहारिक मानी गई थी, इसलिए माना जा रहा है कि गहलोत ने दूसरे तरह से पायलट को संतुष्ट करने की कोशिश की है।