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JAIPUR. बीएड-बीएसटीसी विवाद में सुप्रीम कोर्ट में आज फैसला सुना दिया गया है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती के लेवल-1 के लिए केवल बीएसटीसी और इसके समकक्ष डिप्लोमाधारी ही पात्र होंगे। बीएड अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट ने लेवल-1 के लिए योग्य नहीं माना हैं।
एनसीटीई के नोटिफिकेशन को अवैध करार दिया
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन और केन्द्र सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। वहीं एनसीटीई के नोटिफिकेशन को अवैध करार दिया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट जस्टिस अनिरूद्ध बोस सहित सुधांशु धूलिया की बैंच ने सुनाया।
बीएसटीसी अभ्यर्थियों की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता विज्ञान शाह का कहना है कि राजस्थान हाई कोर्ट ने 2021 में एनसीटीई की 28 जून 2018 की अधिसूचना को रद्द किया था। दरअसल, यही वो दिन था जिस दिन यह विवाद उत्पन्न हुआ था। इस दिन एनसीटीई ने एक नोटिफिकेशन निकालकर कहा था कि लेवल-1 के लिए बीएड डिग्रीधारी भी पात्र रहेंगे। वहीं नियुक्ति मिलने के बाद उन्हें 6 माह में एक ब्रिज कोर्स भी करना पड़ेगा। बता दें कि 2020 की रीट भर्ती परीक्षा में करीब 9 लाख अभ्यर्थी लेवल-1 में शामिल हुए थे। जिस पर 25 नवम्बर 2021 को हाई कोर्ट ने एनसीटीई के नोटिफिकेशन को रद्द करते हुए रीट लेवल-1 में केवल बीएसटीसी डिग्री वालों को ही योग्य माना था।
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