राजस्थान में डॉक्टरों का गांव, कोटडी धायलान में ​है हर तीसरे घर में डॉक्टर

सीकर जिले का कोटडी धायलान गांव डॉक्टरों की फैक्ट्री के नाम से प्रसिद्ध है, जहां हर तीसरे घर में एक डॉक्टर है। 1968 से शुरू हुआ यह सिलसिला आज तक लगातार जारी है।जानें इस गांव की खासियत।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान के सीकर जिले के रींगस उपखंड क्षेत्र में स्थित एक छोटा सा गांव, कोटडी धायलान, अब "डॉक्टर्स फैक्ट्री" के नाम से मशहूर हो चुका है।

इस गांव की खासियत यह है कि यहां हर तीसरे घर में एक डॉक्टर है। गांव के लोग शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में देशभर में अपना नाम रोशन कर रहे हैं।

यह गांव एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे एक छोटी सी जगह अपनी मेहनत और समर्पण से बड़ी पहचान बना सकती है।

कोटडी धायलान: डॉक्टरों का गांव

1968 से शुरू हुआ यह सिलसिला आज तक लगातार जारी है। कोटडी धायलान के युवा डॉक्टर बनने के प्रति अपनी आकांक्षाओं को बड़ी सफलता के साथ पूरा कर रहे हैं। इस गांव के लोगों ने अपने दम पर यह साबित कर दिया कि छोटे गांवों में भी बड़े सपने देखे जा सकते हैं।

गांव के 138 से अधिक लोग डॉक्टर बन चुके हैं, और लगभग 100 लोग अब देश के विभिन्न अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

गांव के 138 डॉक्टर

गांव में अब तक 138 युवाओं का चयन डॉक्टर बनने के लिए हुआ है। इनमें से करीब 100 डॉक्टर अब विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं, जबकि 38 डॉक्टर अभी पढ़ाई कर रहे हैं और जल्द ही चिकित्सा क्षेत्र में कदम रखेंगे।

एसएमएस अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर

कोटडी धायलान गांव के डॉक्टरों की पहचान केवल राजस्थान में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में है। गांव के निवासी डॉक्टर जीएल धायल एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में एसएमएस अस्पताल जयपुर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा, डॉक्टर पुष्कर धायल और डॉक्टर एच एस धायल जैसे नामी चिकित्सक इस गांव के हैं, जिन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है।

शिक्षा और सेना में भी पहचान

गांव के लोग सिर्फ चिकित्सा में ही नहीं, बल्कि शिक्षा और सेना में भी अपनी पहचान बना रहे हैं। गांव के लगभग हर तीसरे घर में एक डॉक्टर या शिक्षक हैं। इसके अलावा, कई युवा सेना में भी भर्ती हो चुके हैं और अपने देश की सेवा में लगे हैं। हर साल 5 से 6 युवा इस गांव से देश के प्रतिष्ठित कॉलेजों में डॉक्टरी शिक्षा प्राप्त करने के लिए चयनित होते हैं।

पहला डॉक्टर: एचएस धायल

कोटडी धायलान का पहला डॉक्टर एचएस धायल थे, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मानव सेवा को समर्पित कर दी। वे आज भी एक छोटे से क्लिनिक में मरीजों का इलाज करते हैं और वहां महज नाममात्र की फीस पर इलाज उपलब्ध कराते हैं। उनके द्वारा दी गई सेवाओं से यह गांव पूरी तरह से पहचान में आ चुका है।

राजस्थान का कोटडी धायलान गांव पूरे देश में जाना जाता है। सीकर जिले के डॉक्टर ही नहीं कोटडी धायलान के डॉक्टर भी जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भी काम कर रहे हैं।

FAQ

1. कोटडी धायलान गांव में कितने डॉक्टर हुए हैं?
अब तक इस गांव से 138 लोग डॉक्टर बन चुके हैं, जिनमें से लगभग 100 लोग विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत हैं। 38 लोग अभी अपनी मेडिकल पढ़ाई कर रहे हैं।
2. क्या कोटडी धायलान में सिर्फ डॉक्टर ही नहीं, शिक्षा और सेना में भी लोग काम कर रहे हैं?
जी हां, इस गांव में हर तीसरे घर में एक डॉक्टर या शिक्षक मिलता है। इसके अलावा, कई युवाओं ने सेना में भी अपनी पहचान बनाई है।
3. कोटडी धायलान का पहला डॉक्टर कौन था?
कोटडी धायलान का पहला डॉक्टर एचएस धायल थे, जो बच्चों के डॉक्टर के रूप में प्रसिद्ध हैं और आज भी एक क्लिनिक में मरीजों का इलाज करते हैं।

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