मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में बीजेपी की सरकार के पहले बजट (Budget) में पार्टी के विधानसभा चुनाव के संकल्प पत्र ( resolution letter) की घोषणाओं (announcements) को पूरा करने पर ज्यादा फोकस नजर आया। भजन सरकार (Bhajan government) की वित्त मंत्री दिया कुमारी ने अपनी पहली बजट स्पीच में गरीब परिवारों के बच्चों को केजी से पीजी तक की निशुल्क शिक्षा, बच्चियों के जन्म पर एक लाख रुपए के सेविंग्स बॉन्ड और युवाओं के लिए 70000 नई सरकारी भर्तियां तथा सरकारी भर्तियों का निश्चित कैलेंडर बनाए जाने जैसी घोषणाएं की हैं। अंतरिम बजट में की गई ज्यादातर घोषणाएं बीजेपी के संकल्प पत्र में शामिल थीं। इसके जरिए पार्टी ने कहीं ना कहीं, यह संदेश देने की कोशिश की है कि हमने चुनाव से पहले जवाब दे किए थे, उन्हें पहले साल में ही पूरा किया जा रहा है। वादों को पूरा करने की इस प्रतिबद्धता को पार्टी लोकसभा चुनाव में भुनाने की कोशिश करेगी।
बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं
देश में नई सरकार के चुनाव के लिए जल्दी आचार संहिता लागू होने वाली है ऐसे में पूर्ण बजट 31 मार्च तक पारित किया जाना संभव नहीं है। यही कारण है कि सरकार की ओर से लेखा अनुदान पेश किया गया है और इसके जरिए 4 महीने के खर्च की अनुमति विधानसभा से ली गई है। आमतौर पर लेखानुदान में घोषणाएं शामिल नहीं होती हैं, लेकिन सरकार ने इसे अंतरिम बजट के रूप में पेश किया है और कई महत्वपूर्ण घोषणाएं इस बजट में की गई है। राजस्थान सरकार का पहला पूर्ण बजट लोकसभा चुनाव के बाद जून या जुलाई में पेश किया जाएगा और इसे 31 जुलाई तक पारित कर लिया जाएगा क्योंकि सरकार ने 31 जुलाई तक के ही खर्च की अनुमति विधानसभा से ली है।
लेखानुदान को अंतरिम बजट के रूप में पेश किया
लेखानुदान को अंतरिम बजट के रूप में पेश कर राजस्थान की भाजपा सरकार ने अपनी चुनावी घोषणाएं बजट में शामिल करने के लिए लिबर्टी ले ली और इसके जरिए जनता को कहीं ना कहीं यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि हमने जो कहा था उसे हम अपने कार्यकाल के पहले साल में ही पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
पहली वित्त मंत्री का पहला बजट
राजस्थान की भाजपा सरकार के इस बजट की सबसे अहम बात यह है कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार किसी महिला को वित्त मंत्री बनाया गया है और वित्त मंत्री के रूप में दिया कुमारी ने अपना पहला बजट पेश किया। हालांकि दिया कुमारी से पहले महिला के रूप में वसुंधरा राजे भी 10 बार बजट पेश कर चुकी हैं लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए बजट पेश किए थे। दिया कुमारी राजस्थान की पहली महिला वित्त मंत्री के रूप में जानी जाएंगी। हालांकि वे भी उपमुख्यमंत्री तो है ही।
सब वर्गों को खुश करने की कोशिश,महिलाओं और युवा पर फोकस
भजनलाल सरकार की पहले बजट में सभी वर्गों को खुश करने की कोशिश की गई है, हालांकि महिलाओं और युवाओं पर स्पेशल फोकस नजर आ रहा है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने महिला सुरक्षा और राजस्थान में प्रश्न पत्र लीक की घटनाओं को बड़ा मुद्दा बना रखा था। यही कारण है कि बजट में महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर थाने में महिला हेल्प डेlस्क, उन्हें आत्मरक्षा की ट्रेनिंग की सुविधा, बच्चियों के जान पर ₹100000 के सेविंग बॉन्ड और केंद्र की लखपति दीदी जैसी योजनाएं लागू करने की घोषणा की गई है। वहीं युवाओं के लिए 70000 नहीं सरकारी नौकरियां, आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड के भर्ती कैलेंडर में सुधार, 50 युवाओं को ओलंपिक खेलों के लिए तैयार करने और जयपुर में सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन स्पोर्ट्स खोलना जैसी घोषणाएं हैं।
पुरानी पेंशन योजना पर स्थिति साफ नहीं
राजस्थान में राज्य कर्मचारियों के लिए पिछली सरकार के समय लागू की गई पुरानी पेंशन योजना को लेकर बजट में स्थिति साफ नहीं की गई है। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार पुरानी पेंशन योजना के पक्ष में नहीं है हालांकि केंद्र सरकार ने इसके लिए कमेटी का गठन कर दिया है लेकिन माना जा रहा था कि चूंकि राजस्थान में राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना पहले से लागू है इसलिए यहां की सरकार से लेकर कुछ स्थिति स्पष्ट करेगी लेकिन ऐसा बजट में नजर नहीं आया। यह भी बताया जा रहा था कि राजस्थान सरकार इसे लेकर कोई हाइब्रिड मॉडल भी पेश कर सकती है पर वह भी बजट में नजर नहीं आया।
चिरंजीव योजना का नाम बदला
पिछली कांग्रेस सरकार के समय स्वास्थ्य बीमा के लिए लागू की गई चिरंजीवी योजना का नाम बदल दिया गया है और इसे मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना कर दिया गया है। योजना के प्रावधानों में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है हालांकि इसमें कैंसर के इलाज के लिए डे केयर की सुविधा को जोड़ने की बात जरूर कही गई है।
विचारधारा के प्रति झुकाव
बजट में पार्टी की विचारधारा के प्रति पूरा झुकाव भी नजर आया। देश में लगाए गए आपातकाल के समय जेलों में बंद किए गए राजनीतिक बंदियों की पेंशन हमेशा बनी रहे इसके लिए एक कानून लाने की घोषणा भी बजट में की गई है। दरअसल राजस्थान में इन राजनीतिक बंदियों पेंशन भारतीय जनता पार्टी सरकार शुरू करती है और कांग्रेस आकर इसे बंद कर देती है। अब कानून के जरिए ऐसा इंतजाम किया जाएगा कि यह पेंशन बंद नहीं हो सके। इसी तरह 20 मंदिरों के सौंदर्य करण और विकास के लिए 300 करोड़ का प्रावधान भी किया गया है।
जयपुर के पास हाइटेक सिटी और मेट्रो परियोजना का विस्तार
सरकार के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए हालांकि कोई बहुत बड़ी घोषणा अभी नहीं है लेकिन जयपुर के पास एक हाइटेक सिटी विकसित किया जाना और जयपुर मेट्रो के दूसरे रूट की डीपीआर तैयार किया जाना जैसी दो बड़ी घोषणाएं इस बजट में है।
पिछली सरकार की योजनाओं का भविष्य पूर्ण बजट में होगा तय
पिछली कांग्रेस सरकार की किन योजनाओं को जारी रखना है और किन्हे बंद किया जाना है इसका पता जुलाई में सामने आने वाले पूर्ण बजट में चलेगा क्योंकि तब तक लोकसभा चुनाव का परिणाम आ चुका होगा और राज्य सरकार की ओर से पिछली सरकार की योजनाओं की समीक्षा के लिए गठित की गई समिति की रिपोर्ट भी आ जाएगी।