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Photograph: (The Sootr)
राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर (Jaipur) में सरकारी जमीन पर गलत तरीके से पट्टे जारी करने के मामले में स्वायत्त शासन विभाग ने नगर निगम हेरिटेज (Nagar Nigam Jaipur Heritage) के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। बुधवार को विभाग ने नगर निगम की पूर्व लैंड शाखा की अधिकारी हंसा मीणा सहित कई अन्य अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। इस कार्रवाई के बाद अब सरकार को पूरी रिपोर्ट भेजी जा रही है, जिसमें आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी।
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फर्जी पट्टों की थी शिकायत
यह मामला तब सामने आया जब आम जनता और स्थानीय पार्षद सुभाष व्यास ने नगर निगम के पूर्व कमिश्नर अरुण कुमार हसीजा के खिलाफ फर्जी पट्टे जारी करने की शिकायत की। जून महीने के अंत में जब इन फर्जी पट्टों का खुलासा हुआ, तो मामले की जांच शुरू की गई, जिसके बाद बुधवार को अधिकारियों के खिलाफ सस्पेंशन आदेश जारी किए गए।
कैसे जयपुर नगर निगम हैरिटेज के अधिकारियों ने किया भ्रष्टाचार?
जयपुर नगर निगम हेरिटेज की नेहरू नगर पानी पेच में करोड़ों रुपए कीमत की सरकारी जमीन के पट्टे गलत तरीके से जारी किए गए थे। अधिकारियों ने इन पट्टों के लिए नंबर में हेरफेर कर निगम की ही जमीन से पट्टे उठाए थे। इनमें से 35 पट्टों में से 10 की रजिस्ट्री भी करवा दी गई थी, जिसके बाद मामले की शिकायत की गई और जांच की गई।
नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?
नगर निगम के चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है, जिनमें हंसा मीणा (पूर्व लैंड उपायुक्त), मनोज मीणा (कनिष्ठ अभियंता), मुकेश मीणा (लेखाकार) और शंकर मीणा (कनिष्ठ सहायक) शामिल हैं। इन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है और सस्पेंशन के दौरान इन्हें बीकानेर के स्थानीय निकाय विभाग में नियुक्ति देने का फैसला लिया गया है।
स्वायत्त शासन विभाग के एडिशनल डायरेक्टर श्याम सिंह शेखावत ने कहा कि जांच में चार अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई है। इस गंभीर मामले में अगर और कोई दोषी पाया जाता है, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग किसी भी अपराधी को बख्शेगा नहीं।
सरकारी जमीन पर गलत तरीके से पट्टे जारी करने के मामले में यह बोले स्थानीय पार्षद
स्थानीय पार्षद सुभाष व्यास ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह गड़बड़ी सिर्फ नगर निगम के चार अधिकारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि कई अन्य लोग भी इसमें शामिल हैं, जिन्होंने इस भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। सुभाष व्यास का कहना है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए, ताकि उन सभी लोगों को सजा मिल सके जिन्होंने सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया है।
मेयर की ओएसडी रह चुकी हंसा मीणा
हंसा मीणा, जो पहले नगर निगम में सचिव के पद पर कार्यरत थीं, मेयर कुसुम यादव की ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) भी रह चुकी हैं। इससे पहले भी हंसा मीणा के खिलाफ लैंड शाखा में गड़बड़ी की शिकायत आई थी, जिसके बाद उन्हें निगम से ट्रांसफर कर दिया गया था। हालांकि, उन्होंने कोर्ट से स्टे प्राप्त करके फिर से नगर निगम में अपनी पोस्ट पर वापसी की थी।
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