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Photograph: (The Sootr)
जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी (JNU) पर आयकर (Income Tax) विभाग द्वारा की गई छापेमारी ने विश्वविद्यालय और इसके संचालकों के बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस छापे के दौरान ग्रुप निदेशक संदीप बक्शी और उनके ग्रुप पर ब्लैक मनी (Black Money) के साक्ष्य सामने आए हैं। आयकर विभाग ने जब्त किए गए 10 करोड़ रुपये की रकम को लेकर गहन जांच शुरू कर दी है, जिससे विश्वविद्यालय के प्रशासन और इसके पीछे के वित्तीय नेटवर्क पर बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है।
बड़ी मात्रा में कालाधन किया गायब
सूत्रों के अनुसार, संदीप बक्शी ने अपनी काले धन की बड़ी राशि को छिपाने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में सीडलिंग स्कूल के बेसमेंट का इस्तेमाल किया। आयकर विभाग ने इस स्थान से कुल 10 करोड़ रुपये की नगदी जब्त की है, जो कथित तौर पर अंडरग्राउंड तरीके से छुपाई गई थी। छापे के दौरान, कर्मचारियों को सीसीटीवी फुटेज में कैश से भरे हुए बैग लेकर भागते हुए देखा गया। इससे यह साबित होता है कि योजनाबद्ध तरीके से रकम को जल्दी से बाहर ले जाया गया था।
सीसीटीवी फुटेज से ब्लैक मनी का पर्दाफाश
आयकर विभाग ने इस मामले में तकनीकी जांच को प्रमुखता दी। अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज का विस्तृत विश्लेषण किया और घटनास्थल के पुनर्निर्माण से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की। इसके अलावा, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की भी गहन पड़ताल की गई, जिससे संदीप बक्शी और उनके सहयोगियों की गतिविधियों का सही पता चल सका। विभाग ने पाया कि रेड शुरू होने से पहले करीब 15 बैग और सूटकेस में रखी करोड़ों की नकदी कार्यालय से बाहर निकाल ली गई थी।
आयकर विभाग की सटीक ऑपरेशन
यह आयकर विभाग का एक बेहद सटीक ऑपरेशन था, जिसे भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारी सिद्धार्थ गुप्ता के नेतृत्व में संचालित किया गया। सिद्धार्थ गुप्ता ने पूरी योजना को इस तरह से तैयार किया कि छापे के दौरान सभी संदिग्ध गतिविधियों को उजागर किया जा सके। तकनीकी जांच, फुटेज विश्लेषण और कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स ने इस काले धन के नेटवर्क को बेनकाब करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी ग्रुप की नए सिरे से जांच
आयकर विभाग ने अब जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी ग्रुप के खिलाफ नए सिरे से जांच की शुरुआत कर दी है। विभाग ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर शिकंजा कसने के लिए जांच को और तेज कर दिया है। इस मामले में केवल संदीप बक्शी पर ही नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय के अन्य प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी निगाहें रखी जा रही हैं। इन छापों और जांचों से यह स्पष्ट होता है कि काले धन के मामलों में सख्त कार्रवाई की जा रही है।
काले धन को लेकर समाज और शिक्षा जगत में हलचल
यह छापा न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश के शिक्षा क्षेत्र में हलचल मचाने वाला साबित हुआ है। विश्वविद्यालयों में चल रहे काले धन के मामलों पर अब और ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। संदीप बक्शी और उनके ग्रुप के खिलाफ हुई इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि अब देश में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े किसी भी तरह के भ्रष्टाचार और काले धन पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
ब्लैक मनी और उसका समाज पर प्रभावब्लैक मनी (Black Money) एक गंभीर समस्या है, जो समाज और देश की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करती है। यह न केवल वित्तीय असमानता (Financial Inequality) को बढ़ाता है, बल्कि सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों में भी बाधाएं उत्पन्न करता है। जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी का मामला यह साबित करता है कि शिक्षा क्षेत्र में भी काले धन का उपयोग हो रहा है, और इसे रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। |
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