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मुकेश शर्मा @ जयपुर
राजस्थान में राजधानी जयपुर के जवाहर कला केंद्र (जेकेके) में कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया में अनियमितताओं का मामला उजागर हुआ है। बताया जा रहा है कि जेकेके के कर्ताधर्ताओं ने सरकारी नियमों को दरकिनार करके यह पदोन्नति की है। इस अनियमितता के कारण कला और कलाकार दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं।
नियम ही नहीं, फिर भी कर दी पदोन्नति
नियमों के विपरीत पदोन्नति के बारे में जवाहर कला केंद्र के कलाकारों ने आरटीआई के माध्यम से सूचना प्राप्ल की। कलाकारों का कहना है कि इस संस्थान में भर्ती और पदोन्नति आदि के लिए अलग से कोई नियम नहीं है। इसके बावजूद पदोन्नति प्रक्रिया अपनाई गई। विरोध करने पर कहा गया कि पदोन्नति के लिए पुरातत्व विभाग के नियमों को अपनाया गया है। इसके लिए सरकार में सक्षम स्तर से अनुमोदन और अनुमति नहीं ली गई।बताया जाता है कि सहायक निदेशक और अधीक्षक सह सहायक निदेशक जैसे पद जेकेके की सेवा संरचना में नहीं हैं और ना ही पुरातत्व विभाग के। इसके बावजूद जेकेके में इन पदों पर पदोन्नति कर दी गई।
जयपुर के जवाहर कला केंद्र में नियमों का उल्लंघन का मामला सामने आया है। आरोप है कि पदोन्नति में नियमों का उल्लंघन किया गया। जेकेके में नियमों का उल्लंघन इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है।
वित्त विभाग की आपत्ति भी दरकिनार
जेकेके की पदोन्नति प्रक्रिया पर वित्त विभाग ने भी आपत्ति उठाई। इसके लिए वित्त विभाग के संयुक्त शासन सचिव सुरेश कुमार वर्मा ने 27 मई, 2025 को पत्र भी लिखा था, लेकिन इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ।
कलाकारों ने इस पूरे मामले के लिए जेकेके में ही कार्यरत एक कर्मचारी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। इन लोगों का कहना है कि जेकेके ने एक ऐसे कर्मचारी को भी पदोन्नति दे दी है, जिसकी नियुक्ति ही नियम विरुद्ध थी।
हां यह सही है कि आर्ट व कल्चर की स्वायत्तशासी संस्थाओं के सर्विस रुल अभी तक नहीं बने हैं और हम डीओपी के नियम व गाईडलाईंस के अनुसार ही काम करते हैं। हालांकि सर्विस रुल्स बनाने की कवायद जारी है।
अल्का मीणा
अतिरिक्त महानिदेशक प्रशासन,जेकेके
आरटीआई में भ्रामक सूचना
कलाकारों का आरोप है कि जेकेके प्रशासन आरटीआई में भ्रामक और गुमराह करने की वाली सूचनाएं दे रहा है। कई अन्य कलाकार भी समय-समय पर आरटीआई में जानकारी मांगते हैं, लेकिन कभी भी उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिलते। इस मामले में कलाकारों ने सीएम, सीएस सहित पर्यटन व कला—संस्कृति मंत्री और जेकेके महानिदेशक को शिकायत की हैं। कलाकारों ने कहा है कि यदि सरकार ने जल्दी ही कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन किया जाएगा।
कला और कलाकारों के अस्तित्व से जुड़ा मामला
रंगकर्मी माधव सिंह का कहना है कि यह मामला सिर्फ पदोन्नति तक सीमित नहीं है। यह कला और कलाकारों के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। यहाँ पर जो संविधान है, उसे पूरी तरह लागू किया जाना चाहिए और जवाहर कला केंद्र को पूरे सिस्टम से चलाया जाना चाहिए। एक अन्य रंगकर्मी अमित शर्मा ने कहा कि जवाहर कला केंद्र कला का मंदिर है। यहां नियमों का उल्लंघन हुआ तो इसका असर पूरे कला समाज पर पड़ेगा।
रंगकर्मी उज्जवल प्रकाश मिश्रा ने कहा कि हमने आरटीआई के माध्यम से तथ्य जुटाए हैं। लेकिन जवाहर कला केंद्र प्रशासन लगातार नियमों को ताक पर रखकर कार्य कर रहा है। इससे कलाकारों का विश्वास डगमगा रहा है। इसी तरह रंगकर्मी ओमप्रकाश सैनी ने कहा कि अब भी कार्रवाई नहीं हुई तो हमें आंदोलनात्मक रास्ता अपनाना पड़ेगा।
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