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Photograph: (The Sootr)
भक्तों के लिए एक खुशखबरी है। नई दिल्ली से राजस्थान (Rajasthan) के दो प्रमुख धार्मिक स्थलों, खाटूश्यामजी (Khatu Shyamji) और सालासर बालाजी (Salasar Balaji) धाम की यात्रा अब और भी आसान और तेज़ हो गई है। दिल्ली से इन दोनों मंदिरों तक पहुंचने के लिए अब एक नई हेलीकॉप्टर सेवा का शुभारंभ किया जा रहा है। यह सेवा 23 अगस्त 2025 से शुरू होगी, और श्रद्धालुओं को अब अपनी यात्रा के दौरान सड़क मार्ग से होने वाली परेशानियों से राहत मिलेगी।
खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी हेलिकॉप्टर यात्रा कहां से शुरू होगी?
यह सेवा दिल्ली के रोहिणी हेलीपोर्ट (Rohini Heliport) से उड़ान भरेगी और निजी एविएशन कंपनी द्वारा संचालित की जाएगी।
खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी हेलिकॉप्टर यात्रा कितने समय में पूरी होगी ?
इस नई हेलीकॉप्टर सेवा के द्वारा यात्रा महज छह घंटे में पूरी हो सकेगी। एक दिन में श्रद्धालु दिल्ली से उड़ान भरकर खाटू श्यामजी (Khatu Shyamji) और सालासर बालाजी (Salasar Balaji) मंदिरों के दर्शन कर सकेंगे और फिर उसी दिन शाम तक वापस दिल्ली लौट आएंगे। आमतौर पर सड़क मार्ग से इस यात्रा में 16 से 24 घंटे का समय लग जाता है, लेकिन अब हेलीकॉप्टर से यह यात्रा केवल छह घंटे में पूरी की जा सकेगी।
खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी हेलिकॉप्टर यात्रा बुकिंग कैसे करें?
श्रद्धालु इस हेलीकॉप्टर सेवा के लिए बुकिंग करने के लिए कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट syandanaviation.com पर जा सकते हैं। यहां से वे अपनी यात्रा की तारीख और समय चुन सकते हैं और अपनी सीट बुक कर सकते हैं।
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खाटूश्यामजी मंदिर कहां है ?
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खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी हेलिकॉप्टर यात्रा का किराया कितना है?
हेलीकॉप्टर सेवा का प्रति यात्री किराया ₹95,000 तय किया गया है। इसमें केवल हवाई यात्रा ही नहीं, बल्कि कई अन्य सुविधाएं भी शामिल हैं। इन सुविधाओं में हेलीपैड से मंदिर तक आने-जाने की व्यवस्था, होटल में ठहरने की सुविधा, सात्विक भोजन, वीआईपी दर्शन और प्रसाद का वितरण भी शामिल है। इसका मतलब है कि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के पूरे अनुभव का आनंद उठा सकेंगे।
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सालासर बालाजी मंदिर कहां है ?स्थान: सालासर बालाजी मंदिर, राजस्थान के चूरू जिले में स्थित है। विशेषता: यह मंदिर हनुमान जी की अनूठी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें हनुमान जी को दाढ़ी और मूंछों के साथ दर्शाया गया है। लोकप्रियता: सालासर बालाजी मंदिर श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है और यहाँ पूरे साल भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। मंदिर का इतिहासस्थापना: सालासर बालाजी मंदिर की स्थापना 1811 ईस्वी में हुई थी। उस समय हनुमान जी ने एक भक्त मोहनदास को दर्शन दिए थे। भक्ति का प्रसाद: मोहनदास की भक्ति से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उन्हें अपनी दाढ़ी-मूंछों वाली मूर्ति के रूप में दर्शन दिए। निर्माण: इस मंदिर का निर्माण नूर मोहम्मद और दाऊ नामक मुस्लिम कारीगरों ने किया था, जो यह दर्शाता है कि भगवान की भक्ति किसी भी सीमा और धर्म से परे होती है। | |
खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी हेलिकॉप्टर यात्रा की पहली उड़ान कब होगी ?
पहली उड़ान 23 अगस्त 2025 को सुबह 9:30 बजे दिल्ली से रवाना होगी। इस उड़ान में कुछ विशेष अतिथियों को भी शामिल किया जाएगा। यह सेवा शुरू करने की तारीख को लेकर श्रद्धालु और तीर्थयात्री काफी उत्साहित हैं, क्योंकि इससे उनकी यात्रा अधिक आरामदायक और सुविधाजनक होगी।
खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी हेलिकॉप्टर यात्रा से क्या फायदा होगा?
दोनों मंदिरों में वीआईपी दर्शन का लाभ मिलेगा, जिससे भक्त लंबी कतारों में खड़े होने से बच सकेंगे। इसके अलावा, खाटू श्यामजी पहुंचने पर भक्तों को होटल में कमरे उपलब्ध होंगे, जहां वे ताजगी महसूस करने के लिए ठहर सकते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है जो लंबे समय तक यात्रा करने के बाद आराम करना चाहते हैं। इसके अलावा, यदि कोई भक्त अतिरिक्त कमरे की मांग करता है तो इसके लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा।
खाटू श्यामजी और सालासर बालाजी का महत्व
खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी दोनों ही राजस्थान के अत्यधिक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं। खाटूश्यामजी का मंदिर सीकर जिले में स्थित है, और यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण के श्याम रूप की पूजा करने के लिए प्रसिद्ध है। वहीं, सालासर बालाजी मंदिर चूरू जिले में स्थित है, और यह मंदिर भगवान हनुमान के अवतार श्री बालाजी के दर्शन के लिए प्रमुख रूप से जाना जाता है। इन दोनों मंदिरों में भगवान के दर्शन करने के लिए भक्त बड़ी संख्या में आते हैं।
हेलीकॉप्टर से यात्रा के फायदे क्या हैं ?
समय की बचत : सड़क मार्ग से यात्रा करने में 16 से 24 घंटे लगते हैं, जबकि हेलीकॉप्टर से यह यात्रा महज छह घंटे में पूरी हो जाती है।
आरामदायक यात्रा : हेलीकॉप्टर यात्रा से श्रद्धालु ताजगी और आराम से यात्रा कर सकते हैं, जो लंबी सड़क यात्रा में संभव नहीं होता।
वीआईपी दर्शन : हेलीकॉप्टर सेवा में भक्तों को वीआईपी दर्शन का अवसर मिलता है, जिससे वे लंबी कतारों से बचकर आराम से दर्शन कर सकते हैं।
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