अल कायदा ने किया राजस्थान से गए जनरल मैनेजर समेत तीन भारतीयों का अफ्रीकी देश माली में अपहरण
पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में आतंकियों ने राजस्थान निवासी प्रकाश चंद्र जोशी का अपहरण कर लिया। इनके साथ तेलंगाना और ओडिशा के दो व्यक्तियों का भी अपहरण हुआ है।
पश्चिमी अफ्रीकी देश माली के बमाको शहर स्थित डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में कार्यरत राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर के वैशाली नगर निवासी 61 वर्षीय प्रकाश चंद्र जोशी के साथ दो अन्य भारतीयों का एक जुलाई को आतंकियों ने अपहरण कर लिया। प्रकाश चंद्र जोशी (Prakash Chandra Joshi) के परिवार वालों का कहना है कि एक बार विदेश मंत्रालय से सूचना मिली थी, लेकिन उसके बाद से उनका दुबारा संपर्क नहीं हुआ है। परिवार का कहना है कि वे विदेश मंत्रालय से एक बार फिर से अपनी बात रखने का अवसर चाहते हैं, ताकि उन्हें मदद मिल सके। इस हमले के पीछे अल-कायदा से जुड़े आतंकी संगठन जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन (JNIM) का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। यह ग्रुप पहले भी माली, नाइजर और बुर्किना फ़ासो में विदेशी कर्मचारियों को टारगेट कर चुका है। प्रकाश चंद जोशी के साथ अमरलिंगेश्वर राव (तेलंगाना, मिरयालगुडा ) और पी. वेंकटरमन (ओडिशा, गंजम) का भी अपहरण किया गया है। ये माली में 2015 से ही काम कर रहे थे, और छह महीनों से वह डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में काम कर रहे थे।
क्या है जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन
जमात नुसरत अल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन (JNIM) एक अल-कायदा से संबद्ध सलाफी-जिहादी संगठन है।
JNIM का गठन 2 मार्च 2017 को हुआ था, जब विभिन्न जिहादी समूहों ने मिलकर संगठन बनाया।
इसका उद्देश्य पश्चिम अफ्रीका में सलाफी-इस्लामी राज्य बनाना है।
JNIM का मुख्यालय माली में है, लेकिन यह बुर्किना फासो, नाइजर और टोगो सहित पश्चिम अफ्रीका के अधिकांश हिस्सों में सक्रिय है।
JNIM के द्वारा किए गए विद्रोही हमलों के कारण एमआईएनयूएसएमए (संयुक्त राष्ट्र मिशन) के 300 से अधिक शांति सैनिक मारे गए है।
2017-2019 के बीच, JNIM और IS (इस्लामिक स्टेट) के बीच सहयोगात्मक संबंध थे।
2019 के बाद से, दोनों के बीच हिंसक संघर्ष बढ़ा और करीब 200 झड़पों के बाद 1100 से अधिक लड़ाके मारे गए हैं।
इयाद एजी घाली को मार्च 2017 में JNIM का समग्र अमीर नियुक्त किया गया
JNIM के मध्य और उत्तरी माली में अनुमानित रूप से 2000 लड़ाके हैं।
क्या बोले जोशी के परिजन?
प्रकाश चंद्र की बेटी चित्रा ने बताया कि उन्होंने 30 जून को अपने पापा से बात की थी। उस समय माली में नेटवर्क की समस्या थी और वहां बारिश भी ज्यादा हो रही थी। चित्रा ने यह भी बताया कि पापा डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में जनरल मैनेजर थे और कंपनी से लगातार संपर्क करने पर उनका यही जवाब आता था कि आतंकियों ने उनसे संपर्क नहीं किया और न ही कोई मांग की है। कंपनी ने आतंकियों द्वारा भेजी गई एक फोटो भी साझा की, जिसमें प्रकाश चंद्र पेड़ के नीचे जमीन पर बैठे हुए दिखाई दे रहे थे।
परिजन की विदेश मंत्रालय से क्या मांग है?
प्रकाश चंद्र जोशी की पत्नी सुमन का कहना है कि वे विदेश मंत्रालय से लगातार संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि विदेश मंत्रालय हमारी मदद करे और हमें इस मामले में सुनवाई का मौका दे। हम दिल्ली जाने के लिए भी तैयार हैं।"
विदेश मंत्रालय पर टिकी पूरी उम्मीद
अब, प्रकाश चंद्र जोशी के परिवार की पूरी उम्मीद विदेश मंत्रालय पर टिकी है। परिवार को उम्मीद है कि सरकारी स्तर पर इस मामले की प्राथमिकता लेकर जल्दी से जल्दी कोई कार्रवाई की जाएगी, ताकि उनके प्रियजन का सकुशल लौटना सुनिश्चित हो सके।
FAQ
1. माली में प्रकाश चंद्र जोशी का अपहरण कब हुआ था?
उत्तर: प्रकाश चंद्र जोशी का अपहरण 1 जुलाई को माली के बमाको शहर स्थित डायमंड सीमेंट फैक्ट्री से किया गया था।
2. प्रकाश चंद्र जोशी के परिवार ने किससे मदद की अपील की है?
उत्तर: प्रकाश चंद्र जोशी के परिवार ने विदेश मंत्रालय से मदद की अपील की है, ताकि उनका अपहृत परिवार सदस्य जल्द से जल्द वापस आ सके।
3. क्या कंपनी से प्रकाश चंद्र जोशी के अपहरण के बारे में कोई जानकारी मिली है?
उत्तर: कंपनी ने बताया कि आतंकियों ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया और न ही कोई मांग की है। कंपनी ने एक फोटो भेजी थी जिसमें प्रकाश चंद्र पेड़ के नीचे बैठे हुए थे।
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