गिर्राज सिंह मलिंगा के खिलाफ हाईकोर्ट का बड़ा आदेश: केस जयपुर कोर्ट में ट्रांसफर

राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के खिलाफ धौलपुर में पेंडिंग मारपीट मामले को जयपुर की एससी, एसटी कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया।

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Nitin Kumar Bhal
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एआई निर्मित चित्र Photograph: (The Sootr)

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    मलिंगा-एईएन मामले की टाइमलाइन

    • मार्च 2022 में जेवीवीएनएल के AEN हर्षाधिपति वाल्मीकि ने पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके साथियों पर मारपीट और SC-ST एक्ट के तहत धौलपुर के बाड़ी थाने में मामला दर्ज करवाया।
    • मई 2022 में गिर्राज मलिंगा ने जयपुर कमिश्नरेट में आत्मसमर्पण किया था।
    • 17 मई 2022 को मलिंगा को राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।
    • 5 जुलाई 2024 को राजस्थान हाईकोर्ट ने मलिंगा की जमानत याचिका रद्द कर दी और उन्हें 30 दिनों में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया।
    • हाईकोर्ट से जमानत याचिका रद्द होने के बाद मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
    • सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए मलिंगा की जमानत याचिका खारिज कर दी।

राजस्थान में धौलपुर जिले के बाड़ी से पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा (Girraj Singh Malinga) के खिलाफ बिजली विभाग के एईएन से मारपीट के मामले में नया मोड़ आया है। धौलपुर की अदालत में पेंडिंग चल रहे इस मामले को अब जयपुर जिले की एससी, एसटी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है। यह आदेश राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) के जस्टिस उमाशंकर व्यास ने पीड़ित हर्षाधिपति की आपराधिक याचिका पर दिया।

आरोपी ने किया था शक्ति प्रदर्शन

जस्टिस उमाशंकर व्यास ने कहा कि आरोपी के जमानत मिलने के बाद निकाले गए जुलूस से यह साफ प्रतीत होता है कि उसने शक्ति प्रदर्शन किया था। इसके अलावा, आरोपी के खिलाफ पहले भी मारपीट के कई अन्य मामले दर्ज हैं, जो इस केस की गंभीरता को बढ़ाते हैं। अदालत ने यह भी कहा कि सुरक्षा के लिहाज से यह केस धौलपुर से जयपुर में ट्रांसफर करना उचित है।

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस को निर्देश

हाईकोर्ट ने जयपुर पुलिस आयुक्त को यह निर्देश दिया कि वे मामले की सुनवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम करें। इसके साथ ही धौलपुर एसपी को भी गवाहों के समन और नोटिस तामील कराने में सहयोग करने का आदेश दिया गया है। मामले की जल्द सुनवाई के लिए केस ऑफिसर स्कीम के तहत एक एसआई और दो एएसआई को भी मदद करने को कहा गया है।

आरोपी के प्रभावशाली होने के कारण सुरक्षा खतरा

अधिवक्ता अखिल ब. सिमलोट ने बताया कि आरोपी मलिंगा एक बाहुबली और प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जिससे इस मामले की धौलपुर में सुनवाई करना प्रार्थी और गवाहों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके कारण गवाहों को जान-माल का खतरा हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी के खिलाफ अन्य आपराधिक मामले भी दर्ज हैं, इसलिए यह केस धौलपुर से बाहर भेजा जाए।

कांग्रेस ने काटा टिकट तो हारे

कांग्रेस पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनावों में सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मीकि के साथ पिटाई करने के कारण मलिंगा का टिकट काट दिया था। इसके बाद मलिंगा ने भारतीय जनता पार्टी ज्वॉइन की और बीजेपी की टिकट पर 2023 का विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।


मलिंगा—एईएन मारपीट केस को जयपुर क्यों ट्रांसफर किया गया?

मलिंगा के सहायक अभियंता हर्षाधिपति से मारपीट करने के केस को धौलपुर से जयपुर ट्रांसफर कर दिया। अब इस मामले की ट्रायल जयपुर जिले की एससी-एसटी मामलों की कोर्ट में चलेगी। न्यायाधीश उमाशंकर व्यास ने सहायक अभियंता हर्षाधिपति याचिका पर यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अखिल सिमलॉट व मालती ने कोर्ट को बताया कि धौलपुर में आरोपी का दबदबा है। उससे पीड़ित व गवाहों को जान का खतरा है। ऐसे में केस को धौलपुर से ट्रांसफर किया जाए।

FAQ

1. गिर्राज सिंह मलिंगा कौन है?
मलिंगा 2008 में बाड़ी से बसपा की टिकट पर विधायक बने। पहली ही बार में उन्हें संसदीय सचिव बनाया गया। इसके बाद 2013 और 2018 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक रहे। 2023 में एईएन मारपीट मामले को लेकर कांग्रेस ने टिकट काटा तो भाजपा का दामन थामा लेकिन, चुनाव हार गए।
मलिंगा-एईएन मामला क्या है?
जेवीवीएनएल के AEN हर्षाधिपति वाल्मीकि की ओर से 29 मार्च, 2022 में धौलपुर के बाड़ी थाने में तत्कालीन विधायक मलिंगा और उसके साथियों पर मारपीट करने सहित SC-ST एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया था। मामला तूल पकड़ने के बाद मलिंगा ने मई 2022 में जयपुर कमिश्नरेट में आत्मसमर्पण कर दिया था, लेकिन 17 मई 2022 को उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।
मलिंगा के खिलाफ केस क्यों जयपुर ट्रांसफर किया गया?
हाईकोर्ट ने यह फैसला आरोपी के शक्ति प्रदर्शन और उसके खिलाफ पहले से दर्ज अन्य आपराधिक मामलों को देखते हुए किया। सुरक्षा के लिहाज से इसे जयपुर की एससी, एसटी कोर्ट में ट्रांसफर करना उचित माना गया।
क्या इस मामले में सुरक्षा की कोई व्यवस्था की गई है?
हां, अदालत ने जयपुर पुलिस आयुक्त को सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही धौलपुर एसपी को गवाहों के समन और नोटिस तामील कराने में मदद करने का आदेश दिया गया है।
इस मामले की सुनवाई में कोई अन्य सहायता दी गई है?
अदालत ने केस ऑफिसर स्कीम के तहत एक एसआई और दो एएसआई को मामले की जल्द सुनवाई के लिए सहयोग देने को कहा है।

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