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Photograph: (The Sootr)
राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद से मंत्रियों के बीच नई गाड़ियों की मांग जोर पकड़ने लगी थी। यह मुद्दा राज्य की राजनीति में एक अहम चर्चा का विषय बन गया। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस मांग को गंभीरता से लिया और नई गाड़ियों की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी। हालांकि, राजस्थान सरकार की गाड़ी खरीद प्रक्रिया में कई जटिलताएँ सामने आईं, जिससे मंत्रियों की नई गाड़ी पाने की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
राजस्थान में मंत्रियों के लिए कितनी गाड़ी खरीदी जानी हैं ?गाड़ियां खरीदने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रियों, नेता प्रतिपक्ष और अन्य शीर्ष अधिकारियों के लिए 41 लग्जरी गाड़ियों की खरीद का प्रस्ताव तैयार किया था। लेकिन फाइल को वापस लौटा दिए जाने से इस प्रक्रिया को गति नहीं मिल पाई। | |
राजस्थान में डेढ़ साल से अटकी सरकारी गाड़ियों की खरीद
राज्य में मंत्रियों की नई गाड़ियों की खरीद की प्रक्रिया लगभग डेढ़ साल से लटकी हुई थी। शुरू में सरकार ने वित्त विभाग से करीब 14 करोड़ रुपये की सहमति प्राप्त की थी, और सामान्य प्रशासन विभाग ने 40 लाख रुपए की लग्जरी कार खरीद की प्रक्रिया शुरू की थी। हालांकि, अचानक सरकार ने इस मामले पर चुप्पी साध ली और खरीद की मंजूरी देने के बजाय फाइल ही लौटा दी। इसके बाद मंत्रियों के लिए पुरानी गाड़ियों का इस्तेमाल जारी रहा, और उनकी उम्मीदें धरी की धरी रह गईं।
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राजस्थान में मंत्रियों की गाड़ियों की स्थिति कैसी है?
मंत्रियों को जो गाड़ियां दी गई हैं, वे अब लगभग साढ़े तीन साल पुरानी हो चुकी हैं। इन गाड़ियों की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि अधिकांश गाड़ियां तीन लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी हैं। यह गाड़ियां न केवल पुराने मॉडल की हैं, बल्कि इनकी मेंटेनेंस भी कठिन हो गई है। कई मंत्रियों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार से बार-बार अपनी शिकायतें कीं, लेकिन फिलहाल कोई ठोस समाधान सामने नहीं आ सका है।
मंत्रियों के लिए यह स्थिति और भी परेशानी का कारण बन गई, जब एक राज्यमंत्री ने बताया कि उनकी गाड़ी हर 15 दिन में राजस्थान स्टेट मोटर गैराज विभाग जाती है। गाड़ी की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि उसे बार-बार ठीक करवाना पड़ता है। इसके अलावा, एक कैबिनेट मंत्री ने मुख्यमंत्री को अपनी गाड़ी की हालत से अवगत कराते हुए इसकी गंभीरता को बताया। एक मंत्री ने सवाईमाधोपुर दौरे के दौरान अपनी गाड़ी की खराब स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि गाड़ी की हालत इतनी खराब है कि वे अब निजी कार से यात्रा करने पर विचार कर रहे हैं।
राजस्थान में मंत्रियों से अच्छी अधिकारियों की गाड़ी
एक दिलचस्प घटना तब घटी जब कुछ विधायकों ने सरकारी गाड़ी की खराब स्थिति पर टिप्पणी की। मंत्री के साथ सवाईमाधोपुर दौरे पर गए विधायकों ने सरकारी गाड़ी की स्थिति देखी और यहां तक कह दिया कि "इससे तो अच्छा है कि अफसरों को जो गाड़ियां मिली हैं, वही गाड़ी ले लें। कम से कम वो गाड़ी ज्यादा खराब तो नहीं है।" इस टिप्पणी ने मंत्री को और अधिक असहज कर दिया।
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राजस्थान में सरकारी गाड़ियों की खरीद पर उठे सवाल
राज्य में मंत्रियों को नई गाड़ियों की मंजूरी न मिलने के बाद सवाल उठने लगे हैं। राजस्थान में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए गाड़ी खरीद पर लोगों का कहना है कि अगर राज्य सरकार इतनी बड़ी रकम खर्च करने के लिए तैयार थी, तो फिर क्यों यह प्रक्रिया बार-बार लटकी हुई है? कई लोग यह भी सवाल कर रहे हैं कि क्या मंत्रियों के लिए नई गाड़ियों की आवश्यकता नहीं थी, जबकि उनके पास इस्तेमाल करने के लिए जो गाड़ियां थीं, वे बहुत पुरानी और खराब स्थिति में थीं।
एक कैबिनेट मंत्री ने की सीएम से शिकायत
राज्य के एक कैबिनेट मंत्री ने तो सीधे मुख्यमंत्री को अपनी गाड़ी की स्थिति के बारे में अवगत कराते हुए कहा कि गाड़ी इतनी पुरानी हो चुकी है कि वह अब ठीक से काम नहीं करती। इसके बावजूद, मंत्रियों की गाड़ियों की स्थिति को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। राजस्थान सरकार की कार खरीद प्रक्रिया में देरी हो रही है।
सरकारी गाड़ी नहीं मिलने से राजस्थान के मंत्रियों में असंतोष
मंत्रियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है क्योंकि गाड़ियों के मामले में बार-बार सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। मंत्रियों का कहना है कि वे अब कई सालों से पुरानी गाड़ियों में सफर कर रहे हैं और बार-बार मरम्मत के बाद भी इनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है।
राज्यपाल के लिए भी खरीदी जानी थी गाड़ी
गाड़ियों की खरीद में एक विशेष गाड़ी राज्यपाल के लिए भी खरीदी जानी थी। राज्यपाल के दिल्ली दौरे के लिए एक विशेष काले रंग की गाड़ी का प्रावधान किया गया था। इसके अलावा, 40 गाड़ियां सफेद रंग की खरीदी जानी थी। लेकिन राजस्थान में मंत्रियों की नई गाड़ी की खरीद अटक गई है। मंत्रियों को जो गाड़ियां दी गई हैं, उनकी हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अब वे इस गाड़ी को चलाने में असहज महसूस कर रहे हैं।
क्या सरकार जल्द ही नई गाड़ियों की मंजूरी देगी?
अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार जल्द ही मंत्रियों के लिए नई गाड़ियों की खरीद पर निर्णय लेगी? फिलहाल सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन मंत्रियों की असंतोष और गाड़ियों की खराब स्थिति को देखते हुए यह मुद्दा और भी संवेदनशील हो गया है।
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