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Photograph: (The Sootr)
राजस्थान (Rajasthan) के भीलवाड़ा जिले में एक पशु चिकित्सक (Veterinary Doctor) के पिता के अचानक निधन के समय नोडल अधिकारी (Nodal Officer) डॉ. ओपी बुनकर द्वारा असंवेदनशील टिप्पणी ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। पिता के वेंटिलेटर (Ventilator) पर होने की सूचना पर छुट्टी के लिए आवेदन भेजने वाले पशु चिकित्सक को नोडल अधिकारी ने फोटो साझा करने को कहा। बाद में जब पिता की मृत्यु हो गई। पशु चिकित्सक संघ (Veterinary Doctors Association) ने डॉ. बुनकर से माफी मांगने और कार्रवाई की मांग की है।
यह है पूरा मामला
शाहपुरा के ब्लॉक वेटरनरी हेल्थ ऑफिस (BVHO) व पशु चिकित्सालय ढिकोला में कार्यरत पशु चिकित्सक डॉ. मोहन फड़नवीस के पिता नागपुर (महाराष्ट्र) में रहते थे। 5 अगस्त की रात लगभग 1:50 बजे पिता की तबीयत अचानक खराब हो गई। डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा। डॉ. मोहन फड़नवीस ने उसी रात 1:58 बजे अपनी छुट्टी के आवेदन की जानकारी भीलवाड़ा अधिकारियों के व्हाट्सऐप ग्रुप पर दी।
दूसरे दिन सुबह 9:19 बजे नोडल प्रभारी डॉ. ओपी बुनकर ने डॉ. मोहन के छुट्टी आवेदन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पिता वेंटिलेटर पर हैं तो उसका फोटो समूह में साझा करें।
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पशु चिकित्सक संघ ने जताई नाराजगी
इस अमानवीय टिप्पणी से पशु चिकित्सकों में गहरा आक्रोश फैल गया। पशु चिकित्सक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. दिनेश खोईवाल ने कहा कि यह व्यवहार पूर्णतः असंवेदनशील है। संघ ने डॉ. बुनकर से लिखित माफी की मांग की है। यदि माफी नहीं मिली तो संघ कड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दे रहा है। साथ ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से जिले के नोडल अधिकारी को हटाने की भी मांग की गई है।
डॉ. मोहन फड़नवीस ने कहा कि नोडल अधिकारी का रवैया दुर्भावनापूर्ण और पूर्वाग्रह से भरा था। संघ इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराएगा और उचित कार्रवाई के लिए कदम उठाएगा।
इस मामले में डॉ. ओपी बुनकर ने कहा कि उन्हें स्वास्थ्य विभाग की तरफ से निरीक्षण को और सख्ती से करने के निर्देश मिले हैं। उनका उद्देश्य किसी को आहत करना नहीं था। अगर किसी को कष्ट हुआ है तो वे खेद प्रकट करते हैं। उनका कहना है कि सभी कर्मचारी समय पर काम पर मौजूद रहें, इसके लिए उन्होंने यह बात कही थी।
संवेदनशीलता की कमी से उठते सवाल
सरकारी और प्रशासनिक संस्थानों में मानवीय संवेदनशीलता का होना आवश्यक है, विशेषकर ऐसे मामलों में जहां किसी के निजी संकट के समय कर्मचारी छुट्टी मांगते हैं। इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या नोडल अधिकारी अपने कर्तव्यों और संवेदना के बीच संतुलन स्थापित कर पा रहे हैं।
पशु चिकित्सा विभाग और कर्मचारी मनोबल पर प्रभाव
पशु चिकित्सगण भावनात्मक और शारीरिक रूप से दबाव में हैं। इस तरह की घटनाएं कर्मचारी मनोबल को गिराती हैं और कार्यक्षमता पर विपरीत असर डाल सकती हैं। वहीं, कर्मचारी संघ इस तरह की घटनाओं से कठोर कदम उठाने की तैयारी में हैं जिससे विभाग में अशांति बढ़ सकती है।
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